यूक्रेन के खिलाफ जंग में भेजे जाने वाले सैनिकों के स्पर्म को रूस अपने क्रायोबैंक्स में स्टोर करेगा। क्रायोबैंक वो जगह होती है जहां स्पर्म, सीमन को सुरक्षित रखा जाता है। रूस की न्यूज एजेंसी TASS ने इसकी जानकारी दी है।
रूसी वकील यूनियन के अध्यक्ष इगोर ट्रूनोव ने इसकी मांग की थी। जिसे सरकार ने मान लिया है। अब वहां का स्वास्थ्य मंत्रालय सैनिकों को ये सुविधा मुफ्त में देने की तैयारी कर रहा है
सरकारी बजट में अलग से दिया जाएगा पैसा
हेल्थ मिनिस्ट्री का कहना है कि वो सरकारी बजट में सैनिकों के स्पर्म यानी वीर्य को सुरक्षित रखने के लिए अलग से पैसा देंगे। ये सुविधा केवल उन सैनिकों के लिए होगी जो 2022 से 2024 के स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में हिस्सा लेंगे।
आंशिक लामबंदी की घोषणा के बाद से ट्रेंड बढ़ा
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रूस में अक्टूबर के बाद से स्पर्म स्टोर कराने का ट्रेंड बढ़ा है। रूस ने सितंबर में आंशिक लामबंदी की घोषणा की थी। यानी सैनिकों को जंग के लिए इकट्ठा किया जाने लगा था। इसके लिए 3 लाख से ज्यादा लोगों की रिजर्व फोर्स बनाई है। रिजर्व फोर्स में वो नागरिक शामिल होते हैं, जो पहले भी सेना में काम कर चुके हैं और जिनके पास सेना की ट्रेनिंग का अनुभव है।
पहले केवल बीमार स्पर्म स्टोर करवाते थे
रूस में युद्ध के लिए जाने वाले लोगों को डर रहता है कि इस दौरान उन्हें कुछ हुआ तो उनका वंश आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसलिए लोग पहले ही अपना स्पर्म क्रायोबैंक्स में स्टोर करवा रहे हैं। रूसी अखबार रोजनबर्ग में कहा गया है कि पहले केवल बीमार लोग अपना स्पर्म स्टोर कराते थे। ताकि उनके मरने के बाद भी वंश बढ़ता रहे। लेकिन, जंग शुरू होने के बाद एकदम स्वस्थ लोग भी ऐसा कर रहे हैं।
जंग के डर से लाखों सैनिकों ने रूस छोड़ा
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक रूस में आंशिक लामबंदी की घोषणा के बाद से ढाई लाख आदमियों ने देश छोड़ दिया। ताकि उन्हें जंग में नहीं जाना पड़े। रूस के अधिकारियों का मानना है कि 2 लाख रूसी कजाकिस्तान भाग गए हैं, क्योंकि यहां जाने के लिए रूसियों को पासपोर्ट की जरूरत नहीं होती। इसके अलावा जॉर्जिया, आर्मेनिया, अजरबैजान, इजरायल, अर्जेंटीना और पश्चिमी यूरोप के देशों में बहुत से रूसी पहुंचे हैं। सिलसिला अब भी जारी है।