आदिवासी गोवारी समाज का हुआ महासम्मेलन

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वर्षों से लंबित आरक्षण के मुद्दे को लेकर आदिवासी गोवारी समाज ने हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया है ।जिन्होंने आदिवासी गोवारी समाज को ओबीसी से हटाकर एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर राज्य पत्र में उल्लेखित बिंदुओं के तहत उन्हें एसटी का आरक्षण प्रदान करने की मांग की है। वहीं इस मांग को लेकर महाराष्ट्र की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया गया है। अपने इस निर्णय सहित अन्य बिंदुओं पर चर्चा करने के लिए 19 फरवरी को रविवार को आदिवासी गोवारी समाज संगठन के द्वारा स्थानीय बस स्टैंड गोवारी समाज के देवस्थल के पास महा सम्मेलन का आयोजन किया गया ।इस दौरान अतिथियों द्वारा गोवारी समाज के 114 शहीदों को श्रद्वाजंलि दी गई व समाज के नवनिर्वाचित जिला पंचायत, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच, पार्षद एवं अन्य जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया गया। जहां आयोजित इस महासम्मेलन के दौरान समाज संगठन को मजबूत करने, उसे आगे बढ़ाने और आगामी समय में किए जाने वाले विभिन्न कार्यों व कार्यक्रमों को लेकर मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें आदिवासी गोवारी समाज की आरक्षण वाली प्रमुख मांग सुनवाई दौरा ना करने वाली सरकार के विरुद्ध हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया गया।इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार पर आरक्षण विरोधी सरकार होने का आरोप लगाते हुए, केंद्र व राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा
अतिथियों ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए गोवारी समाज के लोगों को उनका हक व अधिकारी दिलाने व गोवारी समाज को अनुसूचित जन जाति का दर्जा देकर आरक्षण दिये जाने की बात करते हुए अपनी इस जायज मांग को लेकर न्यायालय जाने का निर्णय लिया गया। अतिथियों ने कहा कि समाज से कुरीतियों को दूर किया जाये। युवा वर्ग नशे की आदत से दूर हो और अपने मूल अधिकारों के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें। इस अवसर पर बड़ी संख्या जिले सहित अन्य जिलों के भी गोवारी जाति के लोग उपस्थित रहे।

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