जिस इंदौर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के ड्रायविंग ट्रॉयल ट्रैक को मध्य प्रदेश में सबसे अपडेट माना जाता था। मात्र तीन साल में वह अब प्रदेश में दूसरे नंबर पर आ गया है। अब प्रदेश की राजधानी भोपाल में बनकर तैयार ड्रायविंग ट्रॉयल ट्रैक प्रदेश में सबसे हाइटेक होगा। इस माह के अंत में इसकी शुरुआत होगी।
कुछ साल पहले तत्कालीन परिवहन उपायुक्त संजय सोनी, आरटीओ एमपी सिंह और आरटीआइ राजेंद्र पाटीदार की टीम ने भटिंठा और पुणे का दौरा कर वहां की तर्ज पर एक अत्याधुनिक ट्रॉयल ट्रैक का निर्माण इंदौर में करवाया था। एक नए तरीके का ट्रैक बना कर उस पर ट्रॉयल लिए जाते हैं। जिसमें कैमरे, सेंसर की सहायता से ट्रॉयल लिए जाते हैं। प्रदेश में सबसे हाइटेक तरीके से ट्रॉयल लेने से जरा-सी गलती पर आवेदक असफल हो जाता था। इसलिए इंदौर में लाइसेंस बनवाना काफी मुश्किल हो गया था। लेकिन अब राजधानी भोपाल में करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से नया ट्रॉयल ट्रैक बन गया है। इसे इंदौर से ज्यादा अपडेट बनाया गया है। स्मार्ट चिप कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि हम लोग इंदौर के ट्रैक को ऑपरेट कर रहे थे। भोपाल का ट्रैक इंदौर से ज्यादा हाइटेक है। यहां पर जो आवेदक कड़ी परीक्षा पास कर लेगा। उसे ही लाइसेंस मिल पाएगा। इधर भोपाल में इस तरह का अपडेट ट्रैक बनने के बाद इंदौर के ट्रैक को भी अपडेट करने का प्रस्ताव इंदौर के अधिकारियों ने बनाकर मुख्यालय भेज दिया है।
यह होगा भोपाल और इंदौर में अंतर
सूत्रों के अनुसार इंदौर में सिर्फ आठ शेप के ट्रैक पर वाहन चलाकर दिखाना होता है। 45 सेकंड में वाहन चला कर दिखाने वाले को पास कर दिया जाता है। भोपाल में ट्रैक का शेप अलग होगा। यहां पर आवेदक को रिवर्स वाहन चलाकर भी दिखाना होगा। इसके अलावा एक 90 डिग्री के ढलान पर वाहन को कुछ सेकंड रोककर आगे भी चला कर भी दिखाना होगा। इस माह के अंत में इसकी शुरुआत होगी।