शिवराज सरकार ने पेश किया कार्यकाल का अंतिम बजट

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1 मार्च बुधवार को लोगों की निगाहें मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट पर टिकी रही। जहां शिवराज सरकार ने पंचवर्षीय कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया। जहां इस बजट से बालाघाट को जितनी उम्मीदें थी और जितनी बातें कही जा रही थी। यह बजट उन अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा। हालांकि बालाघाट जिले को कुछ हद तक कहीं-कहीं कुछ सौगाते मिली है लेकिन वह भी इस साल पूरी होते नजर नहीं आ रही है। अब आगामी समय में विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में यदि सरकार चली गई और दूसरी पार्टी की सरकार मध्यप्रदेश में बन गई तो जो बजट बालाघाट को मिला है वह भी हाथ से चला जाएगा। और जिलेवासी इसी तरहा एक बार फिर से आगामी बजट की रहा तकते नजर आएंगे।
बजट को लेकर पूर्व से लगाए जा रहे कयासों के बीच मध्यप्रदेश का बजट वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा बुधवार 1मार्च को प्रस्तुत किया गया। जिसमें सभी वर्गो के हितों को ध्यान में रखते हुये बजट पेश किए जाने की बात कही जा रही है। सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने में असफल साबित हो रही है। बालाघाट जिले के विकास को भले ही इस बजट में कम जगह दी गई हो लेकिन प्रदेश स्तर से जारी लाडली बहना योजना ,टॉपर छात्राओं को भी बजट में स्कूटी देने का प्रावधान सहित ऐसी कई बातें हैं जिनकी तारीफ लोग करते नजर आ रहे हैं लेकिन इन बिंदुओं पर भी कई लोगों को ऐतराज है।मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पेश किये गये बजट को किसी ने सराहा तो किसी ने इसे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सरकार द्वारा जनता को लालीपॉप देने वाला बताया है।बजट को लेकर की गई चर्चा के दौरान लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिली है। जहां इस बजट को सत्तापक्ष ने ऐतिहासिक बजट बताते हुए इसकी जमकर तारीफ की है तो वहीं विपक्ष सहित ज्यादातर सामान्य लोगों ने इस बजट को खोखला बजट बताते हुए महंगाई जैसे मुद्दों पर राहत न मिलने पर ऐतराज जताया है

बालाघाट को बजट में क्या मिला
ऐसा नहीं है कि पेश किए गए इस बजट में बालाघाट जिले को अछूता छोड़ दिया गया हो, बल्कि बालाघाट जिले को इस बजट में भी कुछ सौगाते मिली है। गौरतलब है कि सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रामपायली पहुंचकर डा. हेडगेवार के नाम स्मारक व ग्रंथालय बनाने की घोषणा की थी। इसके अलावा परसवाड़ा क्षेत्र को बजट में 170 करोड़ की बगलीपाठ माइक्रो पाइप इरीगेशन परियोजना को स्वीकृति मिली है। बालाघाट की झोली में चार जलाशय अपरीक्षित मद के रूप में स्वीकृत हुए हैं। इनमें बगलीपाठ माइक्रो इरीगेशन के अलावा चनई जलाशय, बैगानगरी जलाशय और पैताडनाला जलाशय भी शामिल हैं। भाजपा नेता इसे राहत देने वाला बजट बता रहे हैं। लेकिन मेडिकल कॉलेज को लेकर इस बजट में कुछ नहीं होने पर उनके हाथ भी थोड़ी निराशा जरुर लगी है। वहीं कांग्रेसी निराशाजनक और जनता को ठगने वाला बजट घोषित कर रहे हैं। रसोई गैस में 50 रुपये के इजाफे से आम लोगों की जेब पर असर पड़ेगा। कुल मिलाकर महंगाई से राहत ना मिलने को लेकर ज्यादातर लोग परेशान है और इस बजट में उनकी यह उम्मीद भी तोड़ दी है।

गरीबों के ऊपर बोझ पढ़ा रही सरकार- सुधा दीक्षित
कोई बजट को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्रहणी सुधा दीक्षित ने बताया कि सरकार ने बजट में महिलाओं का विशेष ध्यान रखा है। लेकिन गैस के बढ़ते हुए दामों से मध्यम, गरीब वर्ग के उपर बोझ बढ़ते जा रहा है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

दिव्यांगों का नहीं रखा गया ध्यान मोहसीन हबीब
बजट को लेकर की गई चर्चा के दौरान शासकीय आईटीआई सेवानिवृत्त प्राचार्य मोहसिन हबीब ने बताया कि
दिव्यांगों के लिए बजट में कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। इस बजट में कोई ध्यान नहीं दिया गया है। 600 रुपए की राशि को बढ़ाकर 3 हजार करना चाहिए। सरकार को चाहिए दिव्यांगों की ओर ध्यान दें।

बजट के प्रावधानों का सीधा फायदा मरीजों को नहीं मिलता- फिरोजा खान
वही मानव अधिकार आयोग सदस्य फिरोजा खान ने बजट को लेकर की गई चर्चा के दौरान बताया कि सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बजट में प्रावधान तो करती है, लेकिन इसका सीधा फायदा मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में स्टाफ सहित अन्य संसाधनों को बढ़ाए जाने की आवश्यकता है।

सरकार ने महंगाई पर नहीं दिया ध्यान- लता हरिनखेडे
वही चर्चा के दौरान अन्नपूर्णा पवार महिला मंडल सचिव एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अध्यक्ष लता हरिनखेडे ने बताया कि सरकार बजट में राशि तो दे रही है, लेकिन इसका सदुपयोग नहीं हो पाता है। महंगाई से लेकर अन्य सभी चीजों से आम आदमी काफी परेशान है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

ऐतिहासिक बजट है -रमेश रंगलानी
वही बजट को लेकर की गई चर्चा के दौरान पूर्व भाजपा अध्यक्ष रमेश रंगलनी ने बताया कि यह बजट ऐतिहासिक बजट है। पहली बार इतना बड़ा बजट दिया गया है । इसमें ऐसी कई योजनाएं हैं जिनका लाभ सीधे तौर पर लोगों को मिलेगा। महिलाओं ,युवाओं ,बुजुर्गों ,गरीब ,मध्यमवर्ग परिवारों सहित सभी लोगों सभी वर्गो को ध्यान में रखकर यह बजट बनाया गया है । यह बजट ऐतिहासिक है। हालांकि इस बजट में हमें बालाघाट को मेडिकल कॉलेज मिलने की उम्मीद थी ,लेकिन यह नहीं हो सका लेकिन यह बहुत अच्छा बजट है जल्द ही इसके परिणाम भी देखने को मिलेंगे।

उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा बजट- इकबाल कुरैशी
वही बजट को लेकर की गई चर्चा के दौरान कर्मचारी नेता इकबाल कुरैशी ने बताया कि यह बजट उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है उन्होंने इस बजट को लॉलीपॉप की संज्ञा दी है।

बजट के नाम पर सरकार ने झुनझुना थमाया है -संजय उईके
वही बजट को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान कांग्रेस कमेटी जिला अध्यक्ष संजय उइके ने बताया कि
सरकार का बजट निराशाजनक रहा है। पिछले चार वर्षों में बेरोजगार बढ़ी है। सरकार युवाओं को रोजगार देने का झुनझुना थमा रही है। सरकार को करों में कटौती कर महंगाई से राहत देना था। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया है । सरकार ने एक बार फिर बजट के नाम पर झुनझुना थमाया है।

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