त्रिपुरा पुलिस ने शुक्रवार को राज्य के उत्तरी हिस्से से उग्रवादियों द्वारा बंदूक की नोक पर अपहरण किए गए व्यापारी के शव को 50 दिन बाद बरामद किया। पुलिस महानिरीक्षक (कानून और व्यवस्था) अरिंदम नाथ ने बताया कि मारे गए लिटन नाथ का शव पुलिस ने उत्तरी त्रिपुरा जिले के खेड़ाचारा इलाके के एक जंगल से बरामद किया है।
लिटन नाथ की पत्नी ने पुलिस को बताया कि भारी हथियारों से लैस उग्रवादियों ने 27 नवंबर को उनके घर पर धावा बोल दिया था और गहने, नगदी लूटने के साथ ही पति का अपहरण कर लिया था। पुलिस ने कहा कि अपहरणकर्ताओं ने नाथ की रिहाई के लिए फिरौती में 1.5 लाख रुपयों की मांग की थी। नाथ अपने पीछे अपनी पत्नी और चार बच्चे छोड़ गए हैं।
राज्य पुलिस, त्रिपुरा स्टेट राइफल्स और केंद्रीय अर्ध-सैनिक बलों ने संयुक्त रूप से व्यापारी को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया था और मिजोरम और बांग्लादेश से सटे क्षेत्रों से प्रतिबंधित संगठन नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) के चार संदिग्ध उग्रवादियों को भी हिरासत में लिया था। बता दें कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1997 के तहत NLFT पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
इस प्रतिबंधित संगठन का मुख्यालय बांग्लादेश में है। NLFT 317 विद्रोही घटनाओं समेत हिंसा की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार रहा है। साल 2005 से 2015 के बीच 28 सुरक्षाकर्मी और 62 नागरिक मारे गए। हालांकि रिपोर्टों का दावा है कि यह संगठन अब वित्तीय संकट से जूझ रहा है और कैडर की ताकत में कमी आई है, क्योंकि साल 2019 में 88 कैडर ने राज्य सरकार के सामने हथियार डाल दिए थे।