डीपी राय खदान के मजदूरों ने मिरगपुर, रामपायली सड़क पर किया चक्का जाम

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मिरगपुर क्षेत्र में आने वाली डीपी राय खदान के मजदूरों ने अपनी आठ सूत्री मांगों को लेकर सोमवार को मिरगपुर के बस स्टैंड में चक्का जाम कर अपनी मागो को लेकर विरोध किया

आपको बता दे की विधानसभा क्षेत्र कटंगी खैरलांजी के पांढरवानी मिरगपुर की निजी मैंगनीज खदान में मजदूरों ने अपनी मागे पूरी नही होने के कारण 13 मार्च से हड़ताल कर वेतन वृद्धि की मांग कर रहे थे लेकिन इन मजदूरों की अब तक खदान संचालक और प्रशासन के द्वारा सुनवाई नहीं होने के कारण मजदूरों ने 3 अप्रैल को चक्काजाम कर दिया

पांढरवानी में मैसर्स डीपी राय की ओपन और अंडर ग्राउंड में मैंगनीज खदान संचालित है. जहां लगभग 450 मजदूर काम करते है.

पांढरवानी मिरगपुर की डीपी राय की मैगनीज खदान में साल 2015 से इलेक्ट्रीशियन आकाश रानाडे,परमेश्वर बनोटे,ज्ञानेश्वर भैरम, दुर्गेश साहू और धर्मेंद्र कोसरे काम कर रहे हैं इन इलेक्ट्रीशियन के द्वारा हाल ही के दिनों में भारत सरकार श्रम और रोजगार मंत्रालय के अनुसार वेतन प्रदान करने की मांग रखी इस बात से गुस्सा होकर खदान के संचालक ने परमेश्वर बनोटे
और ज्ञानेश्वर भैरम को काम से निकाल दिया इस बात की जानकारी जब साथ ही मजदूरों को लगी तो उन्होंने खदान के बाहर हड़ताल शुरू कर दी.

प्रशासनिक अधिकारियों की आश्वाशन के बाद खत्म हुआ चक्काजाम.-महेश सहारे
वही इस संबंध में दूरभाष पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष महेश सहारे बताते हैं कि सोमवार को सुबह 10 बजे से मिरगपुर बस स्टैंड में चक्का जाम लगा हुआ था. जैसे ही अधिकारियों को चक्का जाम की जानकारी लगी तभी दोपहर करीब 2 बजे जिला श्रम आयुक्त अधिकारी,जनपद पंचायत वारासिवनी से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केसी बोपचे,पुलिस अनुविभागीय अधिकारी अरविंद श्रीवास्तव ने मौके पर पहुंच कर मजदूरों को डीपी राय खदान संचालक से बात कर उनकी सभी मांगे पूरी करने की बात कह कर समझाइश दिया जिसके बाद मजदूरों ने चक्का जाम खत्म कर दिया.वही मजदूरों ने प्रशासनिक अधिकारियों को बताया कि अभी सभी मजदूर चक्का जाम खत्म कर दे रहे है परंतु जबतक उनकी सभी मांगे पूरी नहीं हो जाती है तबतक वे हड़ताल पर रहेंगे. कोई भी मजदूर भाई खदान में काम पर नही जायेगा

इन मांगों को लेकर किया गया चक्काजाम।
मिरगपुर में चक्का जाम के दौरान मजदूरों ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें निर्धारित मजदूरी नहीं दी जाती है और ना ही खदान में काम करने वाले सभी मजदूरों का ईपीएफ भविष्य निधि कार्यालय में जमा करवाया जाता है, केवल चुनिंदा मजदूरों का ही ईपीएफ जमा हो रहा है खदान में काम करने वाले मजदूरो ने बताया कि अंडर ग्राउंड खदान में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा के लिए उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं लेकिन ओपन खदान में काम करने वाले मजदूरों को सुरक्षा की कोई सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जाती ऐसे में उनकी जान पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है लेकिन रोजगार के लिए उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ता है इसीलिए उन्हें भी सुरक्षा के उपकरण मुहैया कराना चाहिए.
सभी मजदूरों ने जानकारी देते हुए बताया कि खदान में अगर कोई दुर्घटना भी गठित होती है तो प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए ना ही यहां कोई डॉक्टर है और ना ही प्राथमिक उपचार की सुविधा है.जिसकी व्यवस्था भी खदान संचालक के द्वारा कराई जानी चाहिए.
और खदान में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को वेतन पर्चा प्रतिमाह वेतन भुगतान के पूर्व दिए जाने की मांग किए है.

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