नईदुनिया प्रतिनिधि। खंडवा के प्रवीण राठौर ने आयकर विभाग द्वारा अपील का निराकरण नहीं करने की शिकायत की है। यह अकेला मामला नहीं है। देशभर में ऐसे कुल करीब सात लाख आयकर अपीलें हैं जो पेंडिंग है। इंदौर संभाग में ही 30 हजार अपीलों का निराकरण बाकी है। दरअसल सितंबर 2020 के बाद पूरे देश में आयकर की किसी भी अपील का निराकरण नहीं किया गया। सरकार द्वारा लागू नए सिस्टम से अधिकारियों की नाराजगी भी इसकी एक वजह है।
2016 में हुए नोटबंदी के दौर में बैंक खातों में नकद जमा को आय मानते हुए आयकर ने लाखों नोटिस जारी किए थे। इन नोटिसों पर करदाताओं को जवाब और अपील करने का अधिकार है। 2019 के बाद ऐसे ज्यादातर नोटिस जारी हुए। 2020 में सरकार ने आयकर में फेसलैस अपील सिस्टम लागू कर दिया। यानी अपीलों की सुनवाई पूरी तरह आनलाइन होगी।कम्प्यूटर द्वारा ही प्रकरण अधिकारियों को आवंटित होते। आनलाइन ही जवाब लिए जाते और आनलाइन ही सुनवाई कर फैसला दिया जाता। अधिकारियों के हस्तक्षेप को खत्म करने और भ्रष्टाचार रोकने के सरकार के इस कदम का विभाग के अधिकारियों ने विरोध किया।
इंदौर संभाग में हजारों नोटिससीए ब्रांच इंदौर के पूर्व अध्यक्ष पंकज शाह के अनुसार नोटबंदी के दौर के ही लेन-देन के इंदौर से ही तीन हजार से भी ज्यादा आयकरदाताओं को नोटिस जारी हुए हैं। इनमें से सैकड़ों ऐसे हैं जो फर्जीवाड़े का शिकार हुए हैं। दरअसल किसी व्यक्ति के पेन कार्ड और आधार कार्ड का दुरुपयोग कर जालसाजी करने वाले उनके नाम से कही खाता खुलवा लेते हैं और उससे लेन-देन करते हैं। कई किसान, मजदूर और नौकरीपेशा ऐसी ठगी के शिकार हुए हैं।उनके पेन नंबर से लेन-देन का रिकार्ड आयकर को रिपोर्ट होता है। हो ये रहा है कि फेसलैस सिस्टम में आयकर विभाग नोटिस भी आनलाइन ई-मेल पर ही भेजता है।