सरकार की ब्याज माफी योजना में बाधा बनी सहकारिता कर्मचारियों का हड़ताल

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मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव २०२३ के अंतिम में संपन्न होना है जिसे लेकर भाजपा व कांग्रेस पार्टी मतदाताओं को साधने के लिए तरह-तरह की योजनाएं बना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा महिलाओं को लुभाने के लिए कुछ दिन पूर्व लाडली बहना योजना प्रारंभ की गई थी और इस योजना के तहत महिलाओं को १००० रूपये प्रतिमाह देने की बात कही गई है। वहीं वर्तमान में किसानों को रिझाने के लिए सरकार के द्वारा फसल ऋण ब्याज माफी योजना प्रारंभ की गई है जिसका लाभ लेने के लिए १७ मई से आवेदन भरने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। ब्याज माफी योजना के तहत किसानों के ऋण का ब्याज पूरी तरह से माफ कर दिया जायेगा और किसानों को सिर्फ मूलधन अदा करना होगा एवं इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को सेवा सहकारी समिति व सहकारी बैंकों के माध्यम से आवेदन करना है जिसके लिए किसान बड़ी संख्या में सेवा सहकारी समिति पहुंच रहे है परंतु सहकारिता विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते किसानों का पंजीयन नहीं हो पा रहा है और ना ही उन्हें इस योजना से संबंधित विस्तृत जानकारी मिल पा रही है जिससे एक तरह से सहकारिता कर्मचारियों की हड़ताल इस योजना में बाधा बनी हुई है। ब्याज माफी योजना का लाभ लेने के लिए ३१ मई तक आवेदन किया जाना है परन्तु सेवा सहकारी समिति के कर्मचारियों के हड़ताल के चलते योजना विफल होते नजर आ रही है। चर्चा में किसानों ने बताया कि सरकार के द्वारा किसानों के हित में कृषक ब्याज माफी योजना प्रारंभ की गई है जिसके तहत किसानों के ब्याज माफ किया जाना है इस योजना के लाभ के लिए १७ मई से आवेदन जमा करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है परंतु जब किसान सेवा सहकारी समिति में आवेदन करने जा रहे है तो समितियों में ताले लटके हुए मिल रहे है जिसके कारण किसान परेशान हो रहे है और समय पर आवेदन नही होने से योजना का लाभ लेने से किसान वंचित भी हो सकते है। साथ ही यह भी बताया कि ब्याज माफी योजना से कुछ नही होने वाला है सरकार को किसानों की मूलधन राशि माफ करना चाहिए तभी उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हो पायेगी क्योंकि बाढ़ आपदा, प्राकृतिक बीमारी एवं किसी कारणवश फसल उत्पादन कम होने के कारण किसानों ने ऋण जमा नही कर पाये है ऐसे किसानों का पूरा मूलधन माफ करना चाहिए तभी सरकार की यह योजना सार्थक होगी।

आपकों बता दे कि लालबर्रा विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाली १७ सेवा सहकारी समितियों के द्वारा आने वाले किसानों का ९ करोड़ रूपये का कृषक ब्याज माफी योजना के तहत ब्याज माफ होना है जिसके लिए १७ मई से आवेदन भरने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और ३१ मई तक आवेदन जमा किया जाना है परन्तु सेवा सहकारी समिति के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है जिसके कारण आवेदन जमा करने का कार्य पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है और जिस संस्था में नियमित कर्मचारी है उनके द्वारा आवेदन जमा करने की कार्यवाही की जा रही है परन्तु भीड़ अधिक नही होने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं अधिकांश सेवा सहकारी समितियों में ताले लटके हुए है जिससे किसानों को न जानकारी मिल पा रही है, न ही ब्याज माफी योजना का लाभ लेने के आवेदन जमा कर पा रहे है। किसानों से शासन-प्रशासन से कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण जो कार्य बाधित हो रहा है उसे सुचारू रूप से संचालन करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है।

किसानों ने मूलधन माफ करने की मांग की
प्रदेश सरकार के द्वारा कृषक ऋण माफी योजना के तहत जो किसान डिफाल्टर हो चुके है ऐसे किसानों का ब्याज माफ किया जाना है परन्तु मूलधन तो किसानों को जमा करना पड़ेगा तभी उन्हे नया ऋण मिल पायेगा और सेवा सहकारी समिति से निल होगें। किसानों ने सरकार से मांग की है कि अगर सरकार को किसानों के हित में कुछ करना है तो पूरा मूलधन माफ करें तभी किसान कर्ज से मुक्त हो पायेगा।

दूरभाष पर चर्चा में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक लालबर्रा के पर्यवेक्षक डीके लिल्हारे ने बताया कि सरकार के द्वारा कृषक ब्याज माफी योजना प्रारंभ की गई है और इस योजना के तहत किसानों का २ लाख रूपये ऋण का ब्याज माफ किया जाना है, इस योजना का लाभ लेने के लिए १७ मई से आवेदन भरने का कार्य किया जा रहा है और किसान समितियों में पहुंचकर ३१ मई तक आवेदन करेगें परन्तु सेवा सहकारी समिति के कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से फार्म भरने सहित सभी कार्य प्रभावित हो चुके है जिसके कारण किसान व गरीब हितग्राही भी परेशान है, सरकार को किसानों की मांगों को पूरा करना चाहिए ताकि सेवा सहकारिता विभाग की योजनाओं का सुचारू रूप से संचालन हो सके।

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