प्रदेश में बर्ड फ्लू का संक्रमण धीरे-धीरे अपने पांव पसार रहा है। अब तक यह मध्य प्रदेश के 32 जिलों को अपनी जद में ले चुका है। इनमें से तीन जिलों की पोल्ट्री में मुर्गा-मुर्गियों में फ्लू का असर देखा गया। इस कारण प्रदेशभर में पोल्ट्री कारोबार प्रभावित हुआ है। भोपाल समेत अन्य जिलों में कारोबार 50 फीसद भी नहीं बचा है, जबकि पोल्ट्री फार्म संचालक समेत इस व्यवसाय से जुड़े लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंगलवार रात तक मप्र में 3890 परिदों की मौत हो चुकी है, जिनमें से ज्यादातर कौआ थे। हालांकि, पशुपालन विभाग का कहना है कि तापमान बढ़ने से बर्ड फ्लू का असर कम हो सकता है।
गौरतलब है कि प्रदेश में सबसे पहले इंदौर में कौआ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। इसके बाद यह अन्य जिलों में फैलने लगा। वर्तमान में भोपाल, इंदौर समेत 32 जिलों में असर सामने आ चुका है। इस कारण 3890 कौआ और पक्षियों की मृत्यु भी हुई। झाबुआ, हरदा और मंदसौर की पोल्ट्री में मुर्गा-मुर्गियों में वायरस मिल चुका है। ऐसे में सरकार समेत पशुपालन विभाग अलर्ट है और केंद्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार सावधानी व सतर्कता बरत रहा है।
कारोबार पर असर
बर्ड फ्लू के असर से पोल्ट्री कारोबार की कमर ही टूट गई। बीते 10-12 दिन से लोगों ने चिकन-अंडा से दूरी बना ली। भोपाल की बात करें तो यहां रोज 40 लाख रुपये का चिकन-अंडा व होटल कारोबार प्रभावित हो रहा है। ऐसी ही स्थिति प्रदेश के अन्य जिलों की भी है।
बर्ड फ्लू एक नजर में
32 जिलों में अब तक बर्ड फ्लू का असर
3 जिलों में मुर्गा-मुर्गियों में भी मिला वायरस
3890 कौआ व अन्य पक्षियों की हुई मृत्यु।
453 सैंपल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल में जांच के लिए आए
60 फीसद तक चिकन, अंडा कारोबार प्रभावित
कम हो सकता है असर
पशुपालन विभाग के संचालक डॉ. राजेंद्र रोकड़े ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के 32 जिलों में बर्ड फ्लू का असर है। एहतियातन सभी उपाय किए जा रहे हैं। तापमान बढ़ने के बाद फ्लू का असर कम होने की संभावना है।