जिला स्तरीय ओलम्पियाड प्रतियोगिता परीक्षा का हुआ आयोजन

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शिक्षा केन्द्र भोपाल के निर्देशानुसार ५ अक्टूबर को जिला स्तरीय ओलम्पियाड प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया गया है। इसी कड़ी में लालबर्रा विकासखण्ड में ओलम्पियाड प्रतियोगिता परीक्षा के लिए शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक स्कूल को परीक्षा का केन्द्र बनाया गया था और यह जिला स्तरीय दो दिवसीय ओलम्पियाड परीक्षा ५ अक्टूबर से प्रारंभ हो चुकी है जिसमें प्रथम दिन विकासखण्ड स्तर पर आयोजित ओलम्पियाड प्रतियोगिता परीक्षा से चयनित कक्षा २ री से ५ वीं एवं कक्षा ६ वीं से ८ वीं के २८-२८ बच्चें शामिल होकर तीन पाली में ओलम्पियाड परीक्षा का पर्चा ओएमआर सीट में शांतिपूर्वक तरीके से हल किये, किसी प्रकार का नकल प्रकरण नही बना है और यह दो दिवसीय परीक्षा ६ अक्टूबर को संपन्न हो जायेगी। आपकों बता दे कि ओलम्पियाड प्रतियोगिता परीक्षा ब’चों ने दूसरी बार ओएमआर सीट के माध्यम से दी है और यह प्रथम चरण की परीक्षा जनशिक्षा केन्द्र में विकासखण्ड स्तर पर आयोजित की गई थी जिसके बाद इस परीक्षा से चयनित ब’चों का जिला स्तर पर परीक्षा आयोजित ५ अक्टूबर एवं ६ अक्टूबर को संपन्न होगी और जिला स्तर से चयनित ब’चें प्रदेश स्तर पर तीसरे चरण में ओलम्पियाड प्रतियोगिता आयोजित होगी उसमें शामिल होगें जिसके बाद मेरिट स्थान प्राप्त करने वाले ब’चों को शासन के द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। साथ ही ओलम्पियाड प्रतियोगिता परीक्षा से विद्यार्थियों को अपने ज्ञान के स्तर के साथ ही तर्कशक्ति की क्षमता का पता चलता है और ओलंपियाड जैसी परीक्षाएं ब’चों की तार्किक सोच को उजागर करती हैं इसलिए यह परीक्षा आयोजित की जाती है। चर्चा में बीआरसी श्रीराम तुरकर ने बताया कि जिला स्तरीय ओलम्पियाड प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया गया है और यह परीक्षा दो दिवस तक चलेगी जिसमें ५ अक्टूबर को प्राथमिक स्कूल के कक्षा दूसरी से पांचवी एवं माध्यमिक स्कूल के कक्षा ६ वीं से ८ वीं के ७ संकुल से चयनित २८-२८ बच्चें इस परीक्षा में शामिल हुए है जिसमें प्रात: १० बजे से लेकर दोपहर ३.३० बजे तक तीन पाली में बच्चों ने ओएमआर सीट से पर्चा हल किया है और ६ अक्टूबर को यह ओलम्पियाड प्रतियोगिता परीक्षा संपन्न हो जायेगी। साथ ही यह भी बताया कि ओलम्पियाड प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चों में कॉम्पीटिशन परीक्षा की तैयारी कैसे कर सकते है, उनकी तर्कशक्ति की क्षमता का पता लगाने के साथ ही बच्चों के ज्ञान के स्तर का भी पता चलता है वह आगे अच्छी पढ़ाई कर अपना भविष्य बना सकता है।

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