उच्च पदभार काउंसलिंग के लिए परेशान हो रहे शिक्षक

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लंबे समय बाद जिले में उच्च पदभार के लिए शुरू की गई काउंसलिंग प्रक्रिया एक बार फिर विवादों के घेरे में है। जहां काउंसलिंग के लिए दो दिनों से शिक्षकों का डीईओ कार्यालय बुलाया जा रहा है लेकिन उनकी काउंसलिंग नहीं की जा रही है। जिसके चलते प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षक पद पर काउंसलिंग कराने के लिए पहुंचने वाले शिक्षकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वही काउंसलिंग के लिए उन्हें सुबह से शाम तक कार्यालय में बैठाया जा रहा है लेकिन उनकी काउंसलिंग नहीं की जा रही है। जिससे नाराज प्राथमिक शिक्षकों ने अपनी नाराजगी जताते हुए व्यवस्थाओं में सुधार करने और काउंसलिंग के लिए रोजाना ना बुलाकर कोई एक निश्चित तारीख और समय दिए जाने की मांग की है ।

काउंसलिंग के चक्कर में बच्चों की पढ़ाई का भी हो रहा नुकसान
बात अगर गणित विषय के शिक्षकों की करें तो गणित के शिक्षकों को प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षक का पदभार देने के लिए दो दिनों से रोजाना डीईओ कार्यालय बुलाया जा रहा है। लेकिन उच्च पद भार के लिए उनकी काउंसलिंग नहीं की जा रही है और बिना काउंसलिंग के ही शिक्षकों को दिनभर बैठक शाम को वापस बैरग लौटाया जा रहा है। उधर शिक्षकों के काउंसलिंग पर आने के चलते उनके स्कूल में गणित विषय की पढ़ाई भी नहीं हो रही है। कुल मिलाकर कहें तो काउंसलिंग के चक्कर में शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों को भी परेशान होना पड़ रहा है ।

सभी जिलों में हो चुकी काउंसलिंग, लेकिन जिले में नहीं
बताया जा रहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में शिक्षकों को उच्च पदभार देने के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लेकिन संपूर्ण मध्य प्रदेश में बालाघाट इकलौता ऐसा जिला है जिसमें शिक्षकों की काउंसलिंग का कार्य अब तक पूर्ण नहीं हो पाया है। जिसके चलते शिक्षक दो दिनों से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर है।बावजुद इसके भी उनकी काउंसलिंग नहीं की जा रही है और ना ही काउंसलिंग को लेकर कोई निश्चित दिन या समय दिया जा रहा है। जिसके चलते शिक्षक काफी परेशान है।

काउंसलिंग में बाहर के शिक्षक आएंगे तो जिले के शिक्षक कहां जाएंगे
बताया जा रहा है कि प्रदेश के अन्य जिलों में उच्च पदभार देने के लिए काउंसलिंग का कार्य पूर्ण कर लिया गया है जहां चॉइस फिलिंग के विकल्प के चलते उस जिले में पदस्थ शिक्षक ,रिक्त पदों के हिसाब से बालाघाट के विभिन्न स्कूलों में अप्लाई कर रहे हैं।इधर जिले में काउंसलिंग का कार्य धीमी गति से चलने के कारण जिले के शिक्षकों को परेशान होना पड़ रहा है। वहीं जिले के शिक्षकों को डर है कि यदि बाहर जिले के शिक्षक काउंसलिंग चयन चॉइस फीडिंग कर बालाघाट जिले में आ जाएंगे तो फिर बालाघाट में पहले से पदस्थ शिक्षक कहां जाएंगे।ऐसे में उन्हें या तो चॉइस फीडिंग कर अन्य जिलों में जाना पड़ेगा या फिर उन्हें उच्च पद का प्रभाव ठुकराना पड़ेगा। इसको लेकर शिक्षकों ने नाराजगी व्यक्त की है।

कब होगी काउंसलिंग नहीं मिल रहा जवाब
काउंसलिंग के लिए परेशान हो रहे शिक्षकों ने बताया कि प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षक के उच्च पदभार के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है। जिसमें इंग्लिश के शिक्षकों की काउंसलिंग शुरू है जबकि गणित विषय के शिक्षकों की काउंसलिंग नहीं की जा रही है। उन्हें रोजाना काउंसलिंग के लिए बुलाया जा रहा है लेकिन बिना काउंसलिंग किए ही शाम को वापस उन्हें वापस जाना पड़ रहा है। वही काउंसलिंग की कोई निश्चित तारीख या समय नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते गणित विषय के करीब 200 से अधिक शिक्षक पिछले दो दिनों से डीईओ कार्यालय का चक्कर काटने के लिए मजबूर है।

अंग्रेजी विषय की काउंसलिंग में भी फसा पेच
काउंसलिंग को लेकर केवल गणित विषय के शिक्षक की नहीं बल्कि अंग्रेजी विषय के शिक्षक भी परेशान है। बताया जा रहा है की गणित विषय के तरह अंग्रेजी विषय के शिक्षकों की काउंसलिंग में भी कई तरह की आपत्ति लगी है। वहीं जूनियर शिक्षकों के नाम काउंसलिंग लिस्ट में तो है लेकिन कई सीनियर या उनके साथ के शिक्षकों के नाम काउंसलिंग लिस्ट से नदारत है। जिसके चलते वे भी रोजाना डीईओ कार्यालय के चक्कर काटने के लिए मजबूर हैं।

शिक्षकों को सता रहा आचार संहिता का डर
जिन शिक्षको की काउंसलिंग नहीं हो पाई है उन्हें अब आगामी विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने का डर सताने लगा है। शिक्षकों का मानना है की काउंसलिंग का यह कार्य अन्य जिलों की तरह बालाघाट जिले में भी अब तक पूर्ण कर लिया जाना था। लेकिन अभी तक यह कार्य पूर्ण नहीं किया गया है। शिक्षको द्वारा विधानसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगने की बात कही जा रही है यदि एक या दो दिन के भीतर आचार संहिता लग गई तो फिर लंबे समय बाद शुरू हुआ काउंसलिंग का यह कार्य एक बार फिर से रुक जाएगा और वे उच्च पद भार ग्रहण करने से वंचित हो जाएंगे।

रोज बुलाकर रोज वापस भेज रहे है- बिसेन
इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान प्राथमिक शिक्षक कटंगी श्रीमती जागेश्वरी बिसेन ने बताया कि पिछले दो दिनों से काउंसलिंग के लिए डीईओ कार्यालय बुलाया रहा है और बिना काउंसलिंग के रोजाना वापस भेजा जा रहा है। जहां गणित विषय की काउंसलिंग के लिए टाइम नहीं दिया जा रहा है ना कोई निश्चित तारीख बताई जा रही है। 4 तारीख को काउंसलिंग कराने के लिए हम आए थे, सुबह से शाम तक बैठा के रखा। फिर बोले 5 तारीख को आना। जब 5 तारीख को आए तो सुबह से लेकर शाम हो गई लेकिन अब तक हमारी काउंसलिंग नहीं हो पाई है और अब देर शाम हमसे 6 तारीख को आने कहा जा रहा है। यह भी जानकारी नहीं दी जा रही है कि 6 तारीख को हमारी काउंसलिंग हो पाएगी या नहीं जबकि काउंसलिंग का यह कार्य अन्य जिलों में पूर्ण हो चुका है यदि वहां के शिक्षक यहां आएंगे तो फिर हम कहां जाएंगे यह समझ नहीं आ रहा है।

बोलते हैं भोपाल जाकर आपत्ति लगाओ यहां कुछ नहीं होगा- शिक्षक
वही प्राथमिक स्कूल गागुलपारा के इंग्लिश विषय के शिक्षक ने बताया कि हमसे पीछे जो ट्रांसफर होकर आए हैं उनका नाम काउंसलिंग लिस्ट में है पर हमारा नाम काउंसलिंग लिस्ट में नहीं रखा गया है। सहाब बोल रहे हैं कि संभाग में या भोपाल में जाकर आपत्ति लगाओ। यहां कोई निराकरण नहीं हो रहा है। दो दिनों से चक्कर काट रहे हैं दूसरे जिले के लोग लोगों की काउंसलिंग हो गई है। वे यहां आएंगे तो यहां के लोग कहां जाएंगे या समझ नहीं आ रहा है। हमारी मांग है की नियमानुसार काउंसलिंग की प्रक्रिया की जानी चाहिए वही आपत्ति का निराकरण कर शिक्षको को काउंसलिंग का पूरा मौका मिलना चाहिए।

जिला शिक्षा अधिकारी से नहीं हो सका संपर्क
जब इस पूरे मामले को लेकर हमने प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अश्विन कुमार उपाध्याय से संपर्क करना चाहा तो काउंसलिंग के चलते उनसे संपर्क नहीं हो सका। वही फोन करने पर भी उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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