अतिवृष्टि की चपेट मे आये मकान के गिरने के बाद एक ७० वर्षीय वृध्दा झोपड़ी मे रहने हुये अपना जीवन निर्वाह कर ही है। यह वृध्द सर्द भरी ठंड मे रात भर ठिठुरते रहती है न तो इसके पास बिछाने के लिये अच्छा बिस्तर है और ना ही ओढऩे के लिये कंबल जो कुछ है वो फटी पुरानी चादर व एक चारपाई ऐसे मे यह वृध्दा आवास योजना के लाभ पाने के लिये दर दर भटक रही है। हालांकि ग्राम सरपंच जरूर उसकी मदद कर रहे है वही आसपास रहने वाले लोग भी यथा स्वंभ मदद समय समय पर कर रहे है। ऐसे मे प्रशासन को इस वृध्दा की सुध लेना चाहिये।
बॉस बल्ली से बनाई है झिल्ली डालकर झोपड़ी – जयवंता बाई
पीडि़ता जयवंता बाई पटले ने पद्मेश को बताया कि उसका मकान बारिश मे गिर चुका है। मैने बॉस के सहारे से एक छोटी सी झोपड़ी बनाई है। वही खाना बनाती हूॅ और जो दो तीन खदड़ी है उसे बिछाने और ओढऩे के काम मे ेलाती हूॅ। जब रात्री मे ठंड लगती है तो मेरी हालत खराब हो जाती है। भविष्य मे मुझे ठंड के चलते ेलकवा भी मार सकता है वही मेरी मौत भी हो सकती है। मुझे आवास योजना का लाभ मिलना चाहिये। क्योकि मेरा कोई परिजन भी नही है।
माता राम को खाने पीने से लेकर रहने की समस्या – इमला बाई
इस संबंध मे पद्मेश को जानकारी देते हुये पड़ोसी महिला इमला बाई ने बताया की जयवंता बाई जो ७० वर्ष की है यह अकेली ही रहती है। इसकी लडक़ी ब्याह के चली गई है। इसे खाने पीने से लेेकर सोने तक के लिये काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है यह महिला ठंड की वजह से रात्री कुकड़ाती है। हमसे इसका दुख देखा नही जाता। उससे कई बार बोले भी की अपनी बेटी के घर चली जा मगर वो जाने को तैयार ही नही है। हम लोगो से जितनी मदद हो सकती है हम लोग उसकी करते है। सरपंच भी अपनी और से मदद करते रहते है।
किसी प्रकार की नही मिली प्रशासनिक मदद – दीपांकर पाटिल
वही इसी वार्ड क्रमां२ के पूर्व पंच दीपांकर पाटिल ने पद्मेश को बताया कि यह महिला गिरे हुये अपने के सामने ही झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रही है। इसे किसी प्रकार की प्रशासनिक मदद नही मिल पा रही है। ठंड का मौसम है सिर्फ चार बल्ली व झिल्ली की त्रिपाल डालकर झोपड़ी बनाई गई है। हम चाहते है कि इसकी मदद प्रशासन करे। क्योकि आगामी दिनो मे काफी ठंड पडऩे वाली है। ऐसे मे महिला के साथ कोई अप्रिय घटना ठंड से हो सकती है।
इनका कहना है-
इस मामले मे ग्राम सरपंच सूर्यभान सिंह पुसाम ने दूरभाष पर पर बताया कि जयवंता बाई पटले को आवास योजना के साथ ही सहायता राशि दिलाये जाने का मेरा प्रयास जारी है। शीघ्र ही इसका कोई न कोई हल निकल जायेगा