प्रदेश के मुखिया मोहन यादव की पहली कैबिनेट में दिये गए अनदेखी करने वाले नियमों का कब तक होता है पालन

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मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के तत्काल बात से ही, मंत्रालय में कार्यभार संभालने के तत्काल बाद ही उन्होंने कैबिनेट की पहली बैठक ली, और इस बैठक में नियमों की अनदेखी का खुले में मांस मछली विक्रय करना, तेज ध्वनि में लाउडस्पीकर बिना अनुमति के बजाना पर प्रतिबंध करने के निर्देश भी जारी किए गए , साथ ही ऐसे कुछ और निर्देश भी उनके द्वारा अपनी प्रथम कैबिनेट की बैठक में निर्देशित किए गए थे, किंतु जब उनके द्वारा निर्देश दिए गए नियमों पर गौर किया जाए ,तो यह नियम पहली बार नहीं बनाए गए हैं, इसके पूर्व में भी यह नियम बनाए जा चुके हैं, और इनका कितना पालन होता है हम और आप यह पहले से ही देखते आ रहे हैं, किंतु देखना अब को यह अवश्य मिलता है कि जब भी कोई जनप्रतिनिधि पहली बार बनता है, या फिर जिले में कोई प्रशासनिक अधिकारी पहली बार पदभार ग्रहण करता है,तो वह कुछ दिनों तक इन नियम को अवश्य ही प्रमुख रूप से पालन करता है एवं उसके कुछ दिन बाद यह नीति नियम सभी ठंडे बस्ते में चले जाते हैं

आपको बता दे कि प्रदेश के नए मुख्या बने मोहन यादव द्वारा मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद, अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में कुछ नियम को प्रमुख रूप से पालन करवाने के निर्देश, प्रदेश में दिए थे जिसमें खुले में मांस मछली बेचना, तेज ध्वनि विस्तार यंत्रों पर नियंत्रण करना, मंदिरों में 100 मीटर की दूरी पर क्रय विक्रय करना, जैसे कुछ नियम उनके द्वारा अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में पारित किए गए है ,जबकि यह नियम आज के नहीं बनाए गए हैं, यह नियम पहले से ही बने हुए हैं, किंतु इन नियमों का पालन अभी कोई नहीं कर रहा था , लेकिन देखने में यह आता है कि जब भी कोई जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी पहली बार बड़े पद पर बनकर या नियुक्त होकर आता है, तो वह जरूर इन नियमों को सबसे पहले उठता है और उन्हें पालन करने के निर्देश दिए जाते हैं, और प्रशासनिक अधिकारी भी जनप्रतिनिधियों के इस आदेश और निर्देश को कुछ दिनों तक पालन भी करते हैं, और उसके बाद पुनः या नियम वही पुराने ठंडे बस्ते में चले जाते हैं ,जबकि बात करें लाउडस्पीकर को तेज ध्वनि में बजने को, तो यह नियम पहले से ही बनाया गया है और इसमें न्यायालय के भी आदेश है, कि यदि कोई भी लाउडस्पीकर डीजे आदि को बिना परमिशन लिए बजाता है, तो उन पर न्याय संगत कार्रवाई की जाएगी, किंतु अक्सर यही देखने को मिलता है कि लोग नियमों की धज्जियां उड़ाते रहते हैं ,और संबंधित विभाग उन पर कोई कार्यवाही नहीं करता है, वैसे ही खुले में मांस मछली क्रय विक्रय करना का नियम आज के नहीं बनाए गए हैं, यह नियम पहले से ही बने हुए हैं, किंतु कोई भी इन नियमों को इन दिनों पालन नहीं कर रहा था , और जब प्रदेश के नए मुख्य मोहन यादव बने तब उन्होंने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में कुछ नियमों को प्रमुखता से पालन करने के निर्देश दिए हैं , और उसे जिला प्रशासन भी इन दिनों प्रदेश के मुखिया का आदेश सर आखो पर मानकर जनता को पालन करने में लगा है, किंतु अब देखना या होगा कि आखिर कब तक यह नियम जिला प्रशासन और शासन द्वारा पालन कराया जाता है, या फिर यह भी पहले की तरह कुछ दिन बाद ठंडे बस्ते में जाकर रह जाते हैं

इनसे में बहुत प्रमुख नियम और भी है-

आपको बता दे की भले ही प्रदेश के मुख्य मोहन यादव द्वारा अपनी कैबिनेट की पहली बैठक में कुछ नियमों को ही अभी अत्यंत आवश्यक पालन करवाने के निर्देश दिए हैं ,किंतु इसे भी बहुत गंभीर और महत्वपूर्ण नियम पहले से बने हुए हैं जिनका आज कोई भी पालन नहीं कर रहा है, और जिला प्रशासन भी ऐसे बहुत से आदेश निर्देश को स्वयं ही भूल चुकी है, की हमें कौन-कौन से नियम जिले में लागू करना है ,और किन महत्वपूर्ण नियमों पर ध्यान देते हुए जनता को उनका पालन करवाना है, आज बहुत से स्कूल ,कॉलेज के सामने नशीले पदार्थ की दुकान लगी हुई है जबकि उनके लिए भी महत्वपूर्ण नियम बनाए गए हैं, उन पर किसी का ध्यान नहीं है, धार्मिक स्थलों से लेकर रहवासी क्षेत्रों में वाइन शॉप की दुकान लगी होना , जिन्हें आए दिन जनता के द्वारा आवेदन, निवेदन कर प्रशासन से हटाने की मांग की जाती है, शहर में मनचलो और स्कूल कॉलेज के सामने निर्भया मोबाइल को गस्त देने के लिए नियम बनाए गए हैं, किंतु आज भी स्कूल कॉलेज के पास निर्भया मोबाइल नहीं दिखाई देती है , सार्वजनिक स्थलों और गार्डन में आज भी युगल जोड़े बेखौफ होकर घूमते रहते हैं ,ऐसे बहुत से नियम है जिन्हें प्रमुखता से पालन होना आवश्यक है, किंतु आज भी यह सब नियम प्रशासन की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चक्कर में ठंडे बस्ते में जाकर रह गए हैं

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