वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आर्थिक सर्वे पेश किया। उसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वेंकट सुब्रमणियम ने आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण के अध्याय-1 में COVID19, इस संकट में जीवन और आजीविका को बचाने के लिए भारत की नीतियों के बारे में है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था V सेप में रिकवरी करेगी। अगले वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि Economic Survey 2021 में महसूस किया गया कि COVID19 लॉकडाउन की कड़ाई नकारात्मक आर्थिक विकास के साथ संबंधित है लेकिन भविष्य की समय अवधि में सकारात्मक वृद्धि के साथ है। लॉकडाउन के बिना भी COVID 19 महामारी ने आर्थिक प्रभाव पैदा किया होता लेकिन Lockdown ने जो सुनिश्चित किया वह एक समन्वित प्रतिक्रिया में मदद करता है, जिससे Saving Lives And Livelihoods में मदद मिली।
आर्थिक सर्वे की मुख्य बातें
- आगामी 31 मार्च 2021 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में जीडीपी में 7.7 प्रतिशत संकुचन का अनुमान।
- वित्त वर्ष 2021-22 में जीडीपी वृद्धि 11 प्रतिशत रहने का अनुमान, भारत में अंग्रेजी के वी अक्षर के आकार का सुधार देखा गया।
- कृषि क्षेत्र की तेज वृद्धि बरकरार, सेवा, विनिर्माण, निर्माण सबसे अधिक प्रभावित।
- अप्रैल से नवंबर 2020 तक उपलब्ध रुझानों के आधार पर, चालू वर्ष के दौरान वित्तीय घाटा लक्ष्य से ज्यादा रहने का अनुमान।
- भाषा पाण्डेय मनोहर
- भारत 17 वर्षों के बाद चालू वित्त वर्ष में चालू खाते में अधिशेष देख सकता है।
- भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग अर्थव्यवस्था की मजबूती को नहीं दर्शाती।
- आर्थिक वृद्धि का असमानता के मुकाबले गरीबी उन्मूलन पर ज्यादा प्रभाव पड़ा है, भारत को लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए वृद्धि पर ध्यान देने की जरूरत।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च एक प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5-3 प्रतिशत करने से लोगों पर इलाज खर्च का बोझ कम होगा।
- ऋण वसूली के मामले में जो राहत दी गयी है, उसे वापस लिये जाने के तुरंत बाद संपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा जरूर की जानी चाहिए।
- कर प्रशासन में सुधारों के साथ पारदर्शिता, जवाबदेही की प्रक्रिया शुरू हुई है और कर अनुपालन को प्रोत्साहन मिला है।