भोपाल। वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट की तैयारी में जुटी शिवराज सरकार आय बढ़ाने के उपाय खोजने में जुटी है। इसके लिए कलेक्टरों से पूछा गया है कि आय में वृद्धि कैसे हो सकती है। आठ फरवरी को इस पर कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस में अधिकारियों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बात करेंगे। उधर, वित्त विभाग ने सभी विभागों से अतिरिक्त आय के विकल्प खोजने के लिए कहा है। इसे लेकर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस भी विभाग प्रमुखों के साथ बैठक कर रहे हैं। उधर, कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसानों को सस्ता डीजल देने के विकल्प भी सरकार खोज रही है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार फरवरी के अंतिम सप्ताह में बजट प्रस्तुत कर सकती है। कोरोना संकट से उबर रही अर्थव्यवस्था की वजह से इसके सवा दो लाख करोड़ रुपये से अधिक रहने की संभावना जताई जा रही है। इसके लिए वित्त विभाग केंद्रीय सहायता के अलावा राज्य के संसाधनों से होने वाली आय को बढ़ाने के विकल्पों पर काम कर रहा है। अनुपयोगी संपत्तियों को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बरसों से लंबित वसूली के लिए समझौता योजना लाई जा रही है। वाणिज्यिक कर विभाग ने ऐसी योजना लागू की है और सहकारिता विभाग भी तैयारी में है। मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से कहा है कि वे उन माध्यमों को खोजें, जिनसे अतिरिक्त आय हो और उनकी निर्भरता राज्य के बजट पर कम से कम हो सके। इसके लिए पशुपालन विभाग ने बड़े स्तर पर जैविक खाद और गैस बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय ने कलेक्टर-कमिश्नर कांफ्रेंस के एजेंडे में इस बार राजस्व वृद्धि को भी शामिल किया है। कलेक्टरों से भी इस पर सुझाव लिए जाएंगे। साथ ही नवीन गौण खनिज नियमों के क्रियान्वयन एवं पट्टों की स्वीकृति, माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की स्थिति, धान व बाजरा के ज्यादा उपार्जन के साथ गेहूं उपार्जन की तैयारियों को लेकर समीक्षा की जाएगी।
केंद्रीय बजट देख तय होगा स्वरूप
सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के बजट का स्वरूप केंद्रीय बजट को देखने के बाद ही तय होगा। किसी भी प्रकार की राहत या करों में कटौती तभी संभव है, जब केंद्र सरकार से केंद्रीय सहायता पूरी मिले और एक फीसद अतिरिक्त ऋण लेने की सुविधा भी विशेष तौर पर दी जाए। मुख्यमंत्री शिवराज और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा इस संबंध में अपना पक्ष भी रख चुके हैं।
आबकारी नीति में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने पर जोर
सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2021 की आबकारी नीति में आय बरकरार रखने के साथ-साथ अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने पर जोर रहेगा। नई दुकानें खोलने के सुझाव को ठंडे बस्ते में डाल दिया है, लेकिन ठेकेदारों के एकाधिकार को तोड़ने की रणनीति पर काम हो रहा है। इस बार छोटे-छोटे समूह बनाकर दुकानें नीलाम की जाएंगी। कमल नाथ सरकार ने एक जिले में एक या दो समूह बनाकर शराब दुकानें नीलामी की थीं।