बीते कुछ दिनों से सोने के दाम निश्चित दायरे में बने हुए थे। अब वैश्विक बाजारों के संकेत मिल रहे हैं कि सोने की कीमतें फिर बढ़ेंगी। हालांकि इसे लेकर कोई निश्चित रूप से भविष्यवाणी नहीं कर सकता। भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोग करने वाला देश है और सबसे बड़ा आयातक भी। ऐसे में सरकार सोने के संग्रहण को हतोत्साहित भी करती है।
सोने में कितनी राशि का करें निवेश
गोल्ड में निवेश को लेकर चार्टर्ड अकाउंटेंट स्वप्निल जैन का कहना है कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सोने-चांदी के निवेश का एक निश्चित हिस्सा ही रखना चाहिए। 5 से 10 प्रतिशत से ज्यादा पूंजी कीमती धातुओं में निवेश करके न रखें।
गोल्ड बांड देते हैं ज्यादा सुरक्षा
फिजिकल गोल्ड के बजाय बेहतर होगा कि आप गोल्ड बांड चुनें, जिससे आपको सुरक्षा की चिंता से मुक्ति मिलेगी और ज्यादा लाभ भी मिलेगा। बाजार में हमेशा से आशंका बनी रहती है कि सोने के संग्रहण को लेकर सरकार कोई सख्त नियम भी बना सकती है, हालांकि सोना भारतीयों की पसंदीदा धातु है। इसमें पूंजी खोने का खतरा नहीं होता, साथ ही रिटर्न भी मिलता है।
बीते कुछ सालों में कई ऐसे माध्यम सामने आए हैं, जो सोने के मुकाबले कम समय में अच्छा रिटर्न दे रहे हैं, इसलिए सोने में निवेश करें, लेकिन संयमित होकर और नियमों के दायरे में बंध कर ही करें। चांदी के मामले में भी यही रणनीति रखें। निवेश में मिश्रित माध्यमों के फार्मूले पर चलें। थोड़ा-थोड़ा पैसा अलग-अलग जगह लगाएं।