हरिजन के कुए से पानी निकालने पर लगाई रोक

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भारत देश को आजाद हुए 75 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है बावजूद इसके भी लोगों के दिलों दिमाग से जातिवाद का जहर अब तक नहीं निकल पाया है। जहां एक ओर मानव चांद पर दुनिया बसाने की कोशिश कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर अब भी हमारे समाज में ऐसे कई लोग हैं जो जातिवाद रूढ़िवादी परंपराओं से बंधे हुए हैं जहां जातिवाद का यह जहर ग्रामीण अंचलों में अक्सर देखने को मिलता रहता है। जिसका एक नजारा इन दिनों चांगोटोला थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पचपेड़ी के ग्राम कुमझर में देखने को मिल रहा है। जहां एक हरिजन को स्वयं कुएं से पानी भरने में रोक लगा दी गई है। जिसके चलते दोनों समुदाय के बीच जमकर बवाल हुआ और मामला चांगोटोला थाने तक पहुंच चुका है जिसकी जांच पुलिस द्वारा शुरू कर दी गई है।

मानवता को शर्मसार कर रहा मामला
देश आजाद होने के बाद संविधान लागू हुआ जिसमें हर वर्ग के लोगों को हक अधिकार दिए गए। विशेष कर पानी पीने को लेकर किसी जाति समुदाय से परे होकर हर किसी को सार्वजनिक हो या व्यतिगत पानी पीने का अधिकार है लेकिन आज भी कुछ जगह जातिगत भेदभाव देखने मिल रहा है जो की मानवता को शर्मसार कर रहा है। कुछ ऐसा ही मामला जिले की परसवाड़ा विधानसभा के चांगोटोला क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत पचपेड़ी के ग्राम कुमझर में देखने को मिला जहां पर (आदिवासी) अनुसूचित जनजाति के लोगों के द्वारा (महार) अनुसूचित जाति के व्यक्ति को कुएं से पानी भरने को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित कर दी गई जो मामला अब थाने तक पहुंच गया है।

समाज के दिमाग में जातिवाद का कीड़ा क्यों
चांगोटोला क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पचपेड़ी के अंतर्गत ग्राम कुमझर में दर्जनों आदिवासी परिवार के द्वारा एक अनुसूचित जाति (महार) समाज के व्यक्ति को कुएं से पानी लेकर जाने को रोक किया जा रहा है आदिवासी समाज का कहना है कि हम अनुसूचित जाति के परिवार को अपने हाथों से कुएं से पानी निकाल कर कई वर्षों से देते आ रहे हैं तो वर्तमान में भी हम उसे कुएं पर नहीं चढऩे देंगे हम खुद से पानी निकाल कर देंगे तभी जाकर वह पानी लेकर जा सकता है। पानी के विवाद को लेकर वर्तमान सरपंच, जनपद सदस्य एवं ग्रामीणों के द्वारा समझाईश भी दी गई । लेकिन आदिवासी समाज के द्वारा अपनी रूढ़ी प्रथा का हवाला देकर कहा की हम अपने कुएं से अनुसूचित जाति के व्यक्ति को पानी के लिए कुएं के ऊपर चढऩे नहीं देंगे जिस पर मामला थाना तक पहुंचा जहा थाना प्रभारी चांगोटोला के द्वारा समझाइश देकर नही मानने पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

सरपंच ने वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की कही बात
मामले में आदिवासी समाज के द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्ति को कुएं से पानी नहीं भरने देने को लेकर विवाद की स्थिति गरमाते देख स्थानीय सरपंच के द्वारा कहा गया कि सार्वजनिक कुआं जो की वर्तमान में कुएं में गंदगी है उसको जल्द ही साफ करवा दिया जाएगा जिससे व्यक्ति वहां से पानी लेकर जा सकता है हालांकि ग्राम में पानी की किल्लत को लेकर समस्त ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ग्राम में केवल वह विवादित कुंआ ही पीने योग्य पानी उपलब्ध करा पा रहा है परंतु उसमें भी आदिवासी समाज के द्वारा अनुसूचित जाति के व्यक्ति को स्वेच्छा से पानी निकालने पर रोक लगा दिया गया है जो की विगत कई वर्षों से प्रथा के रूप में चला आ रहा है वर्तमान में व्यक्ति के द्वारा खुद से पानी निकालने की बात को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ है सरकार द्वारा संचालित तमाम योजनाएं ग्राम में धाराशाही नजर आ रही है।

तुम पानी भरोगे तो पानी मे कीड़े हो जाते है ऐसा बोलते है-रितेश
इस पूरे मामले की शिकायत करने चांगोटोला थाना पहुंचे ग्राम कुमझर निवासी पीड़ित कैलाश के पुत्र रितेश ऋषभ ने बताया कि वे पीने के पानी के मसले को लेकर थाना पहुंचे है हमको पानी भरने से आदिवासी समाज के लोग रोक रहे और बोलते है कि तुम्हारे पानी भरने से पानी गंदा हो जाता है और पानी में किड़े हो जाते है।इसी को लेकर पहुंचे थे मामले में थाना प्रभारी व सरपंच के द्वारा आश्वासन और समझाइश देने की बात कहीं है।

बोलते है कि तुमको कुए से पानी भरने नही देंगे-कैलाश
वही इस पूरे मामले की शिकायत लेकर चांगोटोला थाना पहुंचे ग्राम कुमझर निवासी पीड़ित कैलाश ने बताया की ग्राम के लोगों के द्वारा कुएं से पानी भरने नहीं दिया जा रहा है और बोलते है कि हम लोग ही तुमकों पानी भर के देंगे तो इस बात को लेकर विवाद हो गया था जिसकों लेकर थाने में शिकायत करने के लिए सरपंच के साथ आए थे।

तो वैधानिक कार्रवाई की जाएगी- अविनाश ठाकुर
वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान चांगोटोला थाना प्रभारी ने बताया कि ग्राम कुमझर का एक मामला है।जहां कुमझर निवासी पीड़ित कैलाश महार समाज के व्यक्ति को आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा कुएं से पानी नही भरने दिया जा रहा है जिसकी शिकायत लेकर पहुंचे थे जिसपर समझाइश देने के लिए बोल दिया गया है और पानी नहीं भरने देने पर कार्यवाही की जाएगी।

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