इंदौर, Indore News। कलेक्टर सुनिश्चित करें कि घरेलू कामकाजी महिलाओं को मुख्यमंत्री घरेलू कामकाजी महिला योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिले। महिलाएं कलेक्टर के समक्ष इस संबंध में आवेदन प्रस्तुत करें और कलेक्टर चार सप्ताह के भीतर आवेदन पर निर्णय लें।हाई कोर्ट ने यह आदेश उस जनहित याचिका का निराकरण करते हुए दिया जिसमें घरेलू कामकाजी महिलाओं को योजनाओं का लाभ नहीं मिलने का मुद्दा उठाया गया था। याचिका रूपा सुखराम ने एडवोकेट शन्नो शगुफ्ता खान के माध्यम से दायर की थी। याचिका में कहा था कि कोरोना के चलते घरेलू कामकाजी महिलाओं के समक्ष कई दिक्कतें हैं। उन्हें न तो राशन मिल रहा है न ही अन्य योजनाओं का लाभ। कोरोना के भय के चलते ज्यादातर महिलाओं का कामकाज छूट गया है। 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को घरों में काम नहीं मिल रहा। ऐसी स्थिति में घरेलू कामकाज करने वाली महिलाओं के सामने जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया है।
लॉक डाउन के दौरान महिलाओं ने कलेक्टर के समक्ष आवेदन देकर मुफ्त राशन पाने की कोशिश की थी लेकिन राशन कार्ड नहीं होने से उन्हें राशन नहीं मिल सका। हाई कोर्ट ने इस मामले में मंगलवार को सुनवाई की। जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव और शेलेंद्र शुक्ला की युगल पीठ ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद आदेश दिया कि कलेक्टर सुनिश्चित करें कि घरेलू कामकाजी महिलाओं को मुख्यमंत्री घरेलू कामकाजी महिला योजना के साथ साथ उन योजनाओं का लाभ भी मिले जो कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए बनाई गई है।