अफगानिस्तान की ये जीत सदियों तक याद रखी जाएगी। एक ऐसा मुल्क जो आतंकवाद की मार से जूझता रहा। लगभग पूरी दुनिया जिसकी सरकार को मान्यता नहीं देती। जिस टीम के पास उसके देश में एक स्टेडियम भी नहीं है, जिसके खिलाड़ी शरणार्थी कैम्प से निकलकर बम-बारूद के साये में प्रैक्टिस करते हैं, आज उसने दुनिया की सबसे शक्तिशाली ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप में हरा दिया। 2021 की चैंपियन ऑस्ट्रेलियाई टीम लगातार पांच मैच जीत चुकी थी, लेकिन अफगान लड़ाकों ने बताया कि मेहनत, लगन और जज्बे से सबकुछ संभव है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद मैदान पर जश्न का माहौल था। अफगान खिलाड़ी ग्राउंड में इधर से उधर भाग रहे थे। एक दूसरे के कंधे पर चढ़ रहे थे। स्टेडियम में बैठा हर शख्स अफगानिस्तान की खुशी में खुश हो रहा था। नाच रहा था, गा रहा था।
ऑस्ट्रेलिया के पावरप्ले में तीन विकेट 32 रन पर गिर गए थे, लेकिन ग्लेन मैक्सवेल ने 41 गेंद में 59 रन बनाकर टीम को मैच में बनाए रखा। नईब ने गेंदबाजी का जौहर दिखाते हुए 2021 की चैंपियन टीम पर दबाव बना दिया। इसके साथ ही अफगानिस्तान ने पिछले साल वनडे विश्व कप में मुंबई में मिली हार का बदलाव भी चुकता कर दिया। उस समय मैक्सवेल ने अफगानिस्तान से जीत छीन ली थी और एक बार फिर वह ऐसा ही करते दिख रहे थे लेकिन नायब ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
ऑस्ट्रेलिया को अब सोमवार को हर हालत में भारत को हराना होगा और यह दुआ करनी होगी कि अगले मैच में बांग्लादेश अफगानिस्तान को हरा दे। अफगानिस्तान के लिए सलामी बल्लेबाज रहमानुल्लाह गुरबाज (60) और इब्राहिम जदरान (51) ने 118 रन की साझेदारी करके बड़े स्कोर की नींव रखी। कमिंस ने हालांकि लगातार दूसरे मैच में दो ओवरों में हैट्रिक पूरी करते हुए अफगानिस्तान को बड़ा स्कोर बनाने से रोका।