धरती के लिए लगातार खतरा साबित हो रहे हैं। हर साल खबरें आती हैं कि विशालकाय Asteroid तेजी से धरती की ओर बढ़ रहा है। इन्सानों की किस्मत अच्छी है कि अब तक कोई Asteroid ऐसा नहीं रहा जो सीधा धरती से टकराए और सबकुछ ध्वस्त कर दे, लेकिन अंतरिक्ष वैज्ञानिक के मन में तो ऐसी आशंका बनी हुई है। सवाल है कि यदि निकट भविष्य में ऐसा कोई Asteroid धरती से सीधा टकराया तो क्या होगा? उसे कैसे रोका जा सकता है? क्योंकि ऐसे ही किसी Asteroid के धरती से टकराने से पृथ्वी से डायनासोर का सफाया हो गया था। ताजा खबर यह है कि वैज्ञानिकों ने ऐसे खतरनाक Asteroid से निपटने की रणनीति बनाना शुरू कर दी है। उनका कहना है कि ऐसे Asteroid को ध्वस्त करने के लिए परमाणु विस्फोट भी करना पड़ सकता है।
Asteroid को रोकने के लिए क्या है वैज्ञानिकों की प्लानिंग
एक्टा एस्ट्रोनॉटिका जर्नल में प्रकाशित शोध में लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी (एलएलएनएल) के वैज्ञानिक पैट्रिक किंग इस बारे में विस्तार से बताया है। उनका यह आर्टकिल Asteroid को रोकने के लिए परमाणु ऊर्जा का उपयोग करने पर ध्यान देता है। इस तरह क्षुद्रग्रह को पृथ्वी पर पहुंचने से पहले इसे अपने रास्ते से हटाया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए एक निश्चित चेतावनी अवधि होनी चाहिए, जिसके दौरान क्षुद्रग्रह को कुचलने के उपाय किए जा सकें। इस पर लंबे समय से काम चल रहा है। ताजा शोध में कहा गया है कि यदि एस्टेरॉयड को रोकने के लिए पर्याप्त समय नहीं है तो परमाणु विस्फोट से क्षुद्रग्रह को टुकड़ों में बदला जाएगा
…लेकिन इतना आसान भी नहीं
हालांकि, वैज्ञानिक यह भी मानते हैं कि यह उतना आसान नहीं है जितना लगता है। लेखक किंग ने कहा कि एक रणनीति के रूप में इससे धरती को होने वाले नुकसान का आंकलना करना होगा। कुछ अन्य चुनौतियां भी आ सकती हैं, जिनके बारे में शायद किसी को अंदाजा नहीं है। किंग ने कहा कि उनके अध्ययन में परमाणु विस्फोट को अंतिम उपाय के रूप में बताया गया है, लेकिन यदि समय मिलता है तो वैज्ञानिक अन्य उपाय आजमाएंगे।
सौर मंडल में नजर आई 7,20,000 किमी लंबी पूंछ वाली दुर्लभ वस्तु
अंतरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए एक और रोचक खबर है। खगोलशास्त्रियों ने सौर मंडल में मंडरा रही एक दुर्लभ वस्तु का पता लगाया है। कहा जा रहा है कि यह क्षुद्रग्रह और धूमकेतु दोनों हो सकती है। आमतौर पर मंगल और बृहस्पति के बीच मुख्य बेल्ट में पारए जाने वाले क्षुद्रग्रह अपनी संरचना नहीं बदलते हैं, लेकिन 2005 QN173 को देखकर लग रहा है कि यह धूल बहाता हुआ जा रहा है। यही कारण है कि इसके पीछे 7,20,000 किलोमीटर लंबी पूंछ दिखाई दे रही है। अनुमान है कि यह बर्फीले पदार्थ है, जो सक्रिय होने पर वाष्पित हो जाता है।