भोपाल। सर्दी का मौसम धीरे-धीरे विदाई लेने लगा है। देश की महारत्न कंपनी भेल अपने कर्मचारियों को ठंड से बचने के लिए स्वेटर नहीं दे सकी। ठंड खत्म होने लगी है, लेकिन अब तक कर्मचारियों को स्वेटर नहीं दिए गए हैं। स्वेटर खरीदने की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हुई है। कोरोना के बहाने भेल प्रबंधन कर्मचारियों के खर्चों में कटौती करता आ रहा है। स्थिति यह है कि भेल कारखाने में कर्मचारी प्रबंधन के अधिकारियों से पूछ रहे हैं कि जनवरी बीतने को है पर अब स्वेटर कब मिलेंगे? इस सवाल का जवाब भेल प्रबंधन कर्मचारियों को नहीं दे पा रहा है। कोरोना के कारण भेल को हुए 1585 करोड़ स्र्पये घाटे का असर अब तक भेल में देखने को मिल रह है। हर साल भेल प्रबंधन ठंड का मौसम शुरू होने से पहले टेंडर प्रक्रिया करा कर निजी कंपनी ब्रांडेट कंपनी से भेल के 5500 कर्मचारियों गज लिए स्वेटर खरीदता था। इस बार भेल प्रबंधन की प्रतिनिधि यूनियन राष्ट्रीय मजदूर संघ(इंटक), भारतीय मजदूर संघ(बीएमएस)और भेल आल इंडिय एम्प्लोई यूनियन(एबु) के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई। सहमति बनने के बाद भी प्रबंधन ने अब तक स्वेटर नहीं खरीदे है। बीएमएस के अध्यक्ष विज कठैत और एबु के राष्ट्रीय महासचिव रामनारायण गिरि ने बताया कि प्रबंधन स्वेटर खरीदने में देरी कर रहा है। यदि जल्द ही स्वेटर नहीं दिए गए तो ठंड निकलने के बाद कोई मतलब नहीं रह जाएगा। जब यूनियनों के साथ बैठक हो चुकी है तो प्रबंधन को जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूरी करके स्वेटर खरीदने चाहिए,जिससे से कम से कम अगली बार के लिए स्वेटर काम आ जाएं, क्योंकि अब ठंड कम ही पड़ रही है।