मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को मेट्रो सिटी बनाने के लिए भरसक प्रयास तो किए जा रहे हैं। पर लोगों को सिवाए इंतजार के और कुछ नहीं मिल रहा है। इसे लेकर जब मुख्य मंत्री मोहन यादव ने समीक्षा बैठक ली तो सच्चाई सामने आई। भोपाल मेट्रो का काम अभी पूरा नहीं हुआ है और कमर्शियल रन के लिए समय सीमा एक साल और बढ़ गई। भोपाल मेट्रो के एक फेज को पूरा होने में अभी दो से तीन सालों का समय और लग सकता है।
बता दें, कि 2014 में डीपीआर लेट होने के कारण कैबिनेट अप्रूवल में भी देरी हुई तब 2018 में इसका एलीवेटेड टेंडर आया। इसके बाद भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट साल 2019 से अस्तित्व में आया। मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि सबसे पहले साल 2010 में मेट्रो चलाने की बात रखी गई थी, पर प्रोसेस में लेट लतीफी के कारण बात 2025 तक चली गई है।
यहां हुई देरी
मेट्रो परियोजना में सिविल के कामों से लेकर, अफसरों के बदलने तक कई वजहें ऐसी रही हैं जिनके कारण से मेट्रो प्रोजेक्ट साल दर साल आगे बढ़ता जा रहा है। जिससे काम की गति भी प्रभावित होती रही है। वहीं जब भोपाल में पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह ने फ्लाइओवर का निरीक्षण किया तो उन्हे भी कई कमियां मिली, जिसे लेकर उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। इतनी देरी के कारण अब भोपाल की जनता में भी मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर उत्सुकता नहीं दिख रही है।
कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष ने साधा निशाना
सीएम मोहन की समीक्षा बैठक पर कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने निशाना साधते हुए कहा कि मेट्रो को लेकर समीक्षा बैठक हो रही है पर मेट्रो कब शुरु होगी। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मेट्रो को लेकर बैठक की थी, पर मेट्रो शुरु नहीं हुई। कटाक्ष करते हुए कहा कि आप भी कहीं सिर्फ घोषनाएं न करते रह जाएं और घोषणा वीर बन जाए। इसके बाद से सियासत गरमाने लगी है।