आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर 6 साल काम करने के बाद गूगल (Google) ने आखिरकार अपना चैटबॉट ‘बार्ड (Bard)’ को रिवील कर दिया है। गूगल का ये चैटबॉट माइक्रोसोफ्ट के चेटजीपटी (ChatGPT) से मुकाबला करने के लिए बनाया गया है।
एक ब्लॉग पोस्ट में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने बताया कि बार्ड क्या है और इसके कुछ बेसिक फंक्शानिटी के बारे में जानकारी दी। बार्ड एक एक्सपेरिमेंटल कन्वरसेशनल AI सर्विस है। यह यूजर से कन्वर्सेशन के लिए कंपनी के लेंगवेज मॉडल डायलोग एप्लीकेशन (LaMDA) पर रन करता है। पिचाई ने बताया कि ‘बार्ड’ वेब से इन्फॉर्मेशन हासिल करने में सक्षम होगा, जबकि चैटजीपीटी से ये पॉसिबल नहीं है।
कुछ हफ्तों में बार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे लोग
कंपनी ने बताया कि इसकी शुरुआत कुछ टेस्टर्स के साथ की जा रही है। आने वाले कुछ हफ्तों में लोग इसका इस्तेमाल करना शुरू कर सकेंगे। Google शुरुआत में बार्ड को LaMDA के एक हल्के मॉडल संस्करण के साथ जारी कर रहा है, जिसके लिए कम कंप्यूटिंग पावर की आवश्यकता होगी। इससे बार्ड को ज्यादा से ज्यादा यूजर्स तक पहुंचाने और उनका फीडबैक लेने में आसानी होगी।
क्रिएटिविटी के लिए एक केंद्र बन सकता है बार्ड
पिचाई ने कहा कि हम ये सुनिश्चित करने के लिए अपने खुद के इंटरनल टेस्टिंग के साथ बाहरी प्रतिक्रिया को जोड़ेंगे कि बार्ड के जवाब हाई क्वालिटी, सुरक्षा और रियल वर्ल्ड की जानकारी के लिए हाई लेवल पर हों। हम टेस्टिंग के इस फेज को लेकर उत्साहित हैं, जिसमें बार्ड की क्वालिटी और स्पीड में सुधार जारी रखेंगे।
पिचाई ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि ‘बार्ड क्रिएटिविटी के लिए एक केंद्र बन सकता है और जिज्ञासा के लिए एक लॉन्चपैड हो सकता है, जो आपको नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप से 9 साल की उम्र में नई खोजों को समझाने में मदद कर सकता है या फ़ुटबॉल में सबसे बड़े स्ट्राइकर्स के बारे में जानकारी दे सकता है, और फिर आप अभ्यास करके अपनी स्किल्स को बढ़ा सकते हैं।