देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि हम ऐसे दौर में रह रहे हैं जहां लोगों में सब्र और सहिष्णुता कम है। सोशल मीडिया के दौर में अगर कोई आपकी सोच से सहमत नहीं है तो वह आपको ट्रोल करना शुरू कर देता है।
उन्होंने कहा, ‘सोशल मीडिया पर फेक न्यूज जिस रफ्तार से फैलती है, उसके चलते सच्चाई विक्टिम बन गई है। एक झूठी बात बीज की तरह जमीन में बोई जाती है और यह बड़ी थ्योरी में बदल जाती है, जिसे तर्क के आधार पर तौला नहीं जा सकता है। इसलिए कानून को भरोसे की ग्लोबल करेंसी कहते हैं।’ CJI ने यह बातें अमेरिकन बार एसोसिएशन (ABA) इंडिया कॉन्फ्रेंस 2023 के लॉ इन द ऐज ऑफ ग्लोकलाइजेशन: कंवर्जेंस ऑफ इंडिया एंड द वेस्ट सेमिनार में कहीं।
संविधान ग्लोबलाइजेशन का सबसे बड़ा उदाहरण
CJI ने कहा कि संविधान जब बनाया गया तो यह ऐसा बड़े परिवर्तन लाने वाला डॉक्यूमेंट था, जिसमें दुनियाभर की सबसे बेहतर प्रैक्टिसेस को शामिल किया गया था। भारतीय संविधान के चीफ आर्किटेक्ट डॉ. आंबेडकर ने कहा था कि संविधान में सिर्फ दुनिया से प्रेरणा नहीं ली गई है, बल्कि यह देश के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह एक बेहद अनोखा भारतीय प्रोडक्ट है जो ग्लोबल भी है। लेकिन, अब हमारी रोजाना की जिंदगी दुनिया में होने वाली चीजों से प्रभावित होती है।