Covid-19 Vaccination in Shajapur: शाजापुर। जिले में सबसे पहला टीका कोरोना विजेता सफाईकर्मी रंजीत को लगा। शुक्रवार देर शाम सबसे पहले टीका लगने की सूचना आरएमओ मनोज पंचोली ने फोन कर रंजित को दी थी। नईदुनिया से चर्चा में रंजीत ने बताया कि सबसे पहले वैक्सीन लगवाने के लिए वह उत्सुक रहा। वेक्सीन लगने के बाद काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हुई है।
उसका कहना है कि वह अपने आप को भाग्यशाली मानता है कि दुनियाभर में हाहाकार मचाने वाले इस महामारी के दाैर में उसे लोगों की सेवा का अवसर मिला। इस दाैरान वह कोरोना का शिकार भी हुआ और डॉक्टरों की मेहनत व सबकी शुभकामनाओं से स्वस्थ्य होकर फिर से मरीजों की सेवा में जुट गया।
सबसे पहले कोरोना टीका लगने को लेकर वह कह रहे हैं कि इस अवसर को लेकर वह काफी रोमांचित थे। हालांकि मन में थोड़ा डर भी था किंतु टीका लगने का सबसे पहले अवसर मिलने के उत्साह के आगे यह डर खत्म हो गया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि कोरोना का टीका आ गया है, बावजूद संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाते रहें और महामारी से जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।
रंजीत बताता है कि कोरोना कॉल ने हमें बहुत कुछ सिखाया है, सबसे बड़ी बात तो यही है कि लॉक डाउन के दाैरान जब सब कुछ बंद था। तव अस्पताल खुले थे, हेल्थ वर्कर ने अपनी जान जोखिम में डालकर संक्रमण से लड़ाई लड़ी और मरीजों की सेवा की। मुझे गर्व है कि मैं भी इस टीम का हिस्सा रहा।
मई में हुआ था कोरोना, धूमधाम से हुए थी विदाई
रंजित जिला अस्पताल में सफाईकर्मी है। कोरोना संक्रमण की शुरूआत होने के बाद से ही वह कोरोना वार्ड में सेवा दे रहा था। जिले में सबसे पहले अप्रैल माह में कोरोना का मरीज मिला था। अगले ही महिने रंजित कोरोना का शिकार हो गया था। करीब दो सप्ताह अस्पताल में भर्ती रहने के बाद वह स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हुआ। स्वस्थ होने पर धूमधाम से करोना वार्ड से उसकी विदाई की गई। तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. प्रकाश फूलंबरींकर, सिविल सर्जन डॉ. शुभम गुप्ता और अन्य अधिकारियों ने फूल माला पहनाकर उसे विदाई दी थी। ढोल-नगाढ़े के साथ फूलमालाओं से लदा रंजित जब अपने गांव अभयपुर पहुंचा था। तो मां-बहन और धर्मपत्नी ने आरती उतारकर उसका स्वागत किया था।
फोटो- कोरोना वार्ड से इस तरह हुई थी रंजित की विदाई।
– ट्रामा सेंटर के सी ब्लॉक में बने वैक्सीनेशन कक्ष में टीका लगवाता रंजीत