राजधानी रायपुर के 31 पुलिस थानों में रोज ऑनलाइन ठगी का एक न एक पीड़ित अर्जी लेकर पहुंच रहा है। ठगी के फार्मूले पुराने हैं, पर लोग ही अलर्ट नहीं हो रहे हैं। कोई मेट्रिमोनियल साइट में अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर ठगों के जाल में फंस रहा है, तो कोई ऑनलाइन खाने-पीने की चीजें आर्डर देकर। कुछ आन लाइन साइट ऐसी हैं, जिन्हें ठगों ने पूरी तरह से हैक कर लिया है। उसमें कोई भी जानकारी या आन लाइन आर्डर देते ही ठगों के पास पूरा ब्योरा पहुंच रहा और खातों में सेंध लग रही है।
राजधानी में गुरुवार को फिर ऑनलाइन ठगी के तीन अलग-अलग केस दर्ज किए गए। ठगी के तीनों केस में फार्मूले अलग हैं, लेकिन नतीजा एक रहा और ठग उनके खातों में सेंध लगाने में सफल हो गए। पिछले चार साल से आन लाइन ठगी का ट्रेंड बढ़ा है। सबसे पहले ठगों ने एटीएम का उपयोग करने वालों को जाल में फंसाया। पुलिस और प्रशासन जब केस बढ़ने पर जागरुकता अभियान चलाया तो ठगों ने फार्मूला बदल लिया।
आधार कार्ड को बैंक से लिंक करने के नाम पर लोगों से खातों की जानकारी ले ली। इस फार्मूले से भी सैकड़ों लोग ठगी के शिकार हो गए। इस बारे में जागरुकता अभियान चलाया गया तो ठगों ने अपना पैटर्न फिर बदल दिया। अब तो ऑनलाइन खाने पीने का आर्डर देकर लोग अपने खाते से हजारों गंवा रहे हैं। प्रोफाइल देखकर भी लोगों से ठगी की जा रही है।
ठगी की एक अन्य घटना में राजेंद्र नगर इलाके में रहने वाली एक 28 साल की महिला को ऑनलाइन टैक्सी बुलाना महंगा पड़ा। ठग ने महिला से 40 हजार रुपए ठग लिए। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, 28 वर्षीय विनीता छाबड़ा 10 दिसंबर को मार्केट जाना था। उनके पास जाने का साधन नहीं था। इंटरनेट से कैब का नंबर ढूंढ कर निकाला इसमें कैब कंपनी का नाम दिया था। पीड़िता ने उसमें कॉल किया।
फोन रिसीव करने वाले ने कहा कि उन्होंने एक लिंक भेजा जा रहा है। उसमें 10 रुपए ऑनलाइन जमा कर दें। इसमें उनका लोकेशन आ जाएगा और टैक्सी घर पहुंच जाएगी। इसी झांसे में आ गई और लिंक खोलकर उसमें अपनी जानकारी दी फिर उसमें 10 रुपए जमा किया गया।
जैसे ही पैसा ट्रांसफर हुआ लिंक से शातिर ठग ने फोन को हैक कर लिया और सीधे उनके खाते में सेंधमारी कर करीब 40 हजार रुपए निकाल लिए। फिलहाल पीड़िता ने राजेन्द्र नगर थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है।