इंदौरः डिजिटल युग में तकनीकी सुविधाएं बढ़ने के साथ-साथ धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमें से एक है डिजिटल अरेस्ट का मामला। इसमें अपराधी किसी व्यक्ति को डरा-धमकाकर घर में ही कैद कर उनके बैंक खातों से बड़ी रकम उड़ा लेते हैं। इंदौर में एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया था। यहां एक वृद्ध महिला को फर्जी अधिकारियों ने डराकर उनके खाते से 46 लाख रुपए उड़ा लिए।
दरअसल, 11 सितंबर को इंदौर की एक वृद्ध महिला को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) का अधिकारी बनकर कॉल किया गया। कॉल के दौरान फर्जी सीबीआई अधिकारी और कस्टम विभाग के अफसर बने ठगों ने महिला को आतंकवादी संगठनों से जुड़े होने की धमकी दी। महिला को घंटों तक मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हुए उन्हें डिजिटल अरेस्ट रखा गया।
मदरसे के खाते में हुआ लेन देन
महिला की शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच इंदौर ने मामले की गहन जांच शुरू की। जांच में पता चला कि लूटे गए पैसे उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में स्थित एक मदरसे के खाते में ट्रांसफर किए गए थे। इस मदरसे का नाम फलाह फॉरेन मदरसा समिति है। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मदरसा प्रबंधक अली अहमद खान (69 वर्ष) और उनके बेटे असद अहमद खान (36 वर्ष) को गिरफ्तार किया। पूछताछ में सामने आया कि इन दोनों ने मदरसे के नाम पर चालू खाता खोलकर उसे डिजिटल अरेस्ट गैंग को किराए पर दिया था। इसके बदले में वे कुल राशि का 50% कमीशन लेते थे।
डेढ़ करोड़ रुपए का मिला लेन-देन
पुलिस ने इस खाते की जांच की तो उसमें डेढ़ करोड़ रुपए के संदिग्ध लेन-देन का खुलासा हुआ। फिलहाल मुख्य आरोपी अब भी फरार हैं। क्राइम ब्रांच ने आरोपी पिता-पुत्र के बैंक खाते को सीज कर दिए हैं। दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया है और उनसे पूछताछ जारी है।