कानवन थाने के ग्राम छनगारा के एक किशोर को बिजली का करंट लगने के बाद बदनावर अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर ने परीक्षण कर मृत घोषित कर दिया। इस बीच अस्पताल में स्वजनों को किसी ने सलाह दी कि उसे जिंदा करने के लिए गीली मिट्टी में कुछ देर दबाकर रखा जाए। इस पर स्वजन शव को अस्पताल से कुछ दूर पुलिस थाने के सामने छोटे तालाब के किनारे ले गए तथा गीली मिट्टी में लिटा दिया। ऊपर से भी गीली मिट्टी डालकर दबा दिया।
इस घटना का पता चलने पर दोपहर से शाम करीब 5 घंटे तक बड़ी संख्या में लोग मौके पर देखने के लिए पहुंचते रहे। शाम को जब टीआइ सीबी सिंह पुलिसकर्मियों को लेकर मौके पर पहुंचे तथा स्वजनों को समझाइश दी, तब वे माने और शव को पोस्टमार्टम के लिए बदनावर अस्पताल लाया गया। मृतक का बुधवार सुबह पोस्टमार्टम किया जाएगा।
दिनेश उर्फ गौरव पुत्र दुलेसिंह निवासी ग्राम छनगारा ट्रैक्टर ट्रॉली में मटर की कट्टी लेकर बिक्री के लिए बदनावर सब्जी मंडी आ रहा था। तभी कनवासा रोड पर नीचे झूल रहे बिजली के तारों की चपेट में आ गया। उसे यहां अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बावजूद स्वजन नहीं माने और उन्होंने मृतक के पुनः जीवित होने की संभावना जानकर कुछ दूर तालाब किनारे ले गए। जहां गीली मिट्टी में दबाकर करीब पांच घंटे तक इस उम्मीद में रखा कि सांसें लौट आएं। इस दौरान पुलिसकर्मी भी मौके पर मौजूद रहे।
गांववालों के मौके पर मौजूद रहने से कोई स्वजनों को यह समझाइश नहीं दे सका कि करंट लगने व चिकित्सक द्वारा परीक्षण करने के बाद दोबारा पुनर्जीवित होने की कोई संभावना नहीं रहती है। करीब पांच घंटे बाद टीआइ मौके पर पहुंचे व घरवालों को समझा-बुझाकर शव को मिट्टी में से निकलवाकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाया। इस बीच मौके पर आने-जाने वाले लोगों की भीड़ लगातार बनी रही।