F-35 फाइटर जेट, मिसाइल… ईरान के खिलाफ इजरायल ने यूं ही नहीं किया सबसे बड़ा हमला, 20 साल में बनाया सीक्रेट प्लान

0

यरुशलम: ईरान की राजधानी तेहरान 25-26 अक्तूबर की दरमियानी रात इजरायल के हवाई हमलों से थर्रा उठी। तेहरान में रहने वाले लोगों ने जोरदार धमाकों की आवाजें सुनीं, जिसके बाद लोग घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए। इजरायल ने ईरान पर हमले को शुक्रवार रात और शनिवार की सुबह कई चरणों में अंजाम दिया। इजरायल ने इस ऑपरेशन को ‘डेज ऑप रिपेंटेंस’ नाम दिया है। 2000 किलोमीटर की दूरी पर किए गए इस हमले के लिए इजरायल ने 100 से ज्यादा लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया। इसमें अत्याधुनिक एफ-35 स्टील्थ फाइटर भी शामिल थे। इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई के बावजूद इजरायल को कोई नुकसान नहीं हुआ।

20 साल से तैयारी

इजरायली सेना के प्रवक्ता रियर एडमिरल हगारी ने बताया कि सभी विमान ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद सुरक्षित लौट आए हैं। 2000 किलोमीटर दूर ऑपरेशन को अंजाम देकर इजरायल ने एक बार फिर क्षेत्र के आसमान में अपनी बादशाहत साबित की है। लेकिन इजरायल के लिए इस ऑपरेशन को अचानक योजना बनाकर अंजाम नहीं दिया है। ईरान पर हमले की तैयारी में इजरायल ने 20 साल बिताए हैं। अरबों डॉलर का निवेश किया है, जिसमें विशेष हथियार विकसित करना शामिल है। कुछ हथियार ऐसे थे, जिन्हें अमेरिका ने इजरायल को बेचने से मना कर दिया था, तो कुछ अमेरिका के पास भी नहीं है।

अमेरिकी जेट को किया अपडेट

लगभग 2000 किमी की दूरी पर हवाई हमले अमेरिकी फाइटर जेट से किए जाते हैं। इजरायल ने अमेरिका से एफ-15 और एफ-16 के साथ ही एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदे हैं। हालांकि, इजरायल ने इन विमानों को देश में लाकर विशेष क्षमताओं से लैस किया है। यरुशलम पोस्ट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल ने F-35 के लिए अलग किए जा सकने वाले ईंधन टैंक विकसित किए हैं, जिससे वे चुपके से ईरान तक पहुंच सकते हैं और हमला करने की क्षमता भी बनाए रख सकते हैं। इन टैंक के बिना उनकी रेंज काफी नहीं है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here