नई दिल्ली Farmers Protest Violence । कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान जो हिंसा फैलाई, उस मामले में अभी तक अलग-अलग थानों में 15 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। इस बवाल में तोड़फोड़ और पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट और हथियारों की लूट जैसे मामलों में केस दर्ज किए गए हैं। साथ ही किसान संगठनों ने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। बसों और गाड़ियों में तोड़फोड़, पथराव के बाद कुछ किसानों ने लाल किले पर अपना झंडा लगा दिया। कई पुलिस वालों को लाल किले के पास दीवार से कूदकर अपनी जान बचानी पड़ी।
दिल्ली पुलिस ने दिया ये बयान
हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली का आयोजन किया था। इस ट्रैक्टर परेड को लेकर मोर्चा के साथ दिल्ली पुलिस की कई दौर की बैठकें हुई थीं। पुलिस ने बताया कि मंगलवार को सुबह करीब 8:30 बजे 6 हजार से 7 हजार ट्रैक्टर सिंघु सीमा पर इकट्ठा हुए। लेकिन बाद में पहले से निर्धारित रास्तों पर जाने के बदले उन्होंने मध्य दिल्ली की ओर जाने लगे, जिससे तनाव की स्थिति निर्मित हो गई।
दिल्ली में तैनात होगी पैरामिलिट्री फोर्स की अतिरिक्त कंपनियां
किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान के हिंसक रूप धारण कर लेने के चलते केंद्र सरकार ने दिल्ली में अतिरिक्त पैरामिलिट्री फोर्सेस की कंपनियां तैनात कर सकती है। साथ में अर्ध सैनिक बलों की भी 15 कंपनियां तैनात होगी। सरकार अब उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए कड़ा कदम उठाया है। दिल्ली के संयुक्त पुलिस आयुक्त आलोक कुमार ने कहा कि किसान रैली के दौरान पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सभी दोषियों की पहचान की जा रही है। इधर दिल्ली में हिंसा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, दिल्ली पुलिस के आयुक्त एसएन श्रीवास्तव सहित अन्य लोगों ने हिस्सा लिया।