गूगल को बड़े झटके का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस यानी DOJ की ओर से गूगल क्रोम इंटरनेट ब्राउजर को बचाने का दबाव बनाया जा सकता है। कोर्ट की तरफ से इस मामले में फैसला सुनाया जा सकता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक Google सर्च पर गलत तरीके से मार्केट पर कब्जा बनाने का आरोप लगे हैं। साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI और एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम को रेगुलेट करने का फैसला सुनाया जा सकता है।
गूगल को क्रोम ब्राउजर से बड़ा फायदा
कोर्ट का गूगल क्रोम के खिलाफ फैसला कंपनी को भारी पड़ सकता है, क्योंकि गूगल की कमाई में क्रोम ब्राउजर की बड़ी हिस्सेदारी है। गूगल क्रोम की कमाई का मुख्य सोर्स विज्ञापन है। गूगल क्रोम को लैपटॉप के साथ एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम बेस्ड स्मार्टफोन में दिया जाता है। साथ ही iOS बेस्ड iPhone में भी गूगल क्रोम को डिफाल्ट तौर पर दिया जाता है। हालांकि इसे लेकर भी विवाद जारी है।