Gwalior Family Court News: बलबीर सिंह, ग्वालियर नईदुनिया। लॉकडाउन में निश्चित तौर पर अधिकतर चीजें नकारात्मक ही हुईं हैं, लेकिन इसका दूसरा सकारात्मक पहलू भी निकल कर आया है। ग्वालियर जिले में पिछले चार साल से फैमिली कोर्ट में तलाक के मामले लगातार बढ़ रहे थे, लेकिन पिछले साल हुए लॉकडाउन के कारण करीब 9 माह कोर्ट बंद रहे हैं। जिससे तलाक के आवेदनाें की संख्या में खासी कमी आई है। आरटीआइ कार्यकर्ता संकेत साहू ने सूचना के अधिकार के तहत इस संबंध में जानकारी प्राप्त की है। जिसकाे देखने से पता चलता है कि 2019 में 2820 तलाक के आवेदन दाखिल हुए थे। जबकि यदि पिछले साल पूरे वर्ष भर कोर्ट खुले रहते तो आवेदनाें की संख्या बढ़कर 6018 हो जाती।
केस बढ़ने का कारणः कोर्ट से जुड़े जानकार बताते हैं कि अप्रत्याशित तौर से बढ़ रहे तलाक के मामलों की प्रमुख वजह मोबाइल फोन की उपयोगिता बढ़ना है। फैमिली कोर्ट के काउंसलर ने बताया कि पति-पत्नी दोनों के पास आजकल मोबाइल फोन हाेते हैं। घर में रहते हुए दोनों ही माेबाइल पर व्यस्त रहते हैं। इस वजह से मन में वहम पैदा होता है, जो अलगाव तक पहुंच जाता है।
तीन साल में बदला ट्रेंडः पिछले तीन सालों में एक अलग ट्रेंड ये भी सामने आया कि जुलाई व अगस्त में तलाक के केस सर्वाधिक फाइल हो रहे हैं। हालांकि कोर्ट के जानकार कहते हैं कि यदि 2021 में बढ़ते तलाक के मामलों में कमी आती है तो यह समाज के लिए अच्छा संकेत हाे सकता है।
पिछले चार साल के कोर्ट के आंकड़े
वर्ष सिविल क्रिमिनल
2016 1965 1290
2017 1850 919
2018 2072 1079
2019 2820 1357
2020 1537 921
लॉकडाउन से बंद थे कोर्टः काेराेना संक्रमण के खतरे के चलते पिछले साल मार्च माह में लॉकडाउन की घाेषणा की गई थी। इसके चलते न्यायालय भी बंद हो गए थे। नवंबर 2020 में कुटुंब न्यायालय में जरूरी केसों की सुनवाई शुरू की थी। 18 जनवरी से 2021 से कोर्ट खोले गए। लॉकडाउन के कारण कोर्ट बंद होने से केसों की संख्या घट गई। लोगों ने कोर्ट खुलने का भी इंतजार किया, लेकिन कोर्ट नहीं खुलने से न्यायालय नहीं आ सके।
ग्वालियर में बढ़ते केसों को देखते हुए तीन कोर्ट संचालित किए जा रहे हैं।
इस प्रकार के केस अधिक आते हैंः
केस-1: ननद के देखने वाले आए तो सास ने बहू से खाना बनाने की कह दी। बहू ने नाराज होकर मायके में अपनी मां से फोन पर शिकायत कर दी। मां दूसरे दिन ही बेटी काे लेने आ गई। मायके लौटने के बाद तलाक का केस दायर कर दिया। काउंसिलिंग में पति-पत्नी को समझाया, लेकिन लड़की सास के साथ रहने को तैयार नहीं थी।
केस-2: पुणे में लिव इन रिलेशनशिप में रहने के बाद विवाह किया। विवाह के बाद पति के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा, एेसे में लड़की ने तलाक का आवेदन लगाया है।
वर्जन-
20 साल से कुटुंब न्यायालय में पैरवी कर रहे हैं। कंपू पर कोर्ट लगता था। बहुत कम ही केस आते थे, लेकिन पिछले तीन-चार साल में केसों की संख्या बढ़ी है। एक कोर्ट से बढ़कर तीन कोर्ट हो गए हैं। केसों की संख्या की वजह से चार-चार महीने की तारीख मिल रही है। न्यायालय परिसर लोगों से भर जाता है। लॉकडाउन की वजह से कोर्ट बंद रहा। इस वजह से 2020 में मामले कम आए।
राजेंद्र सिंह, अधिवक्ता फैमिल कोर्ट