मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भारी बारिश के कारण भयंकर बाढ़ आ गई है। इसके कारण व्यापक बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं। वहीं लोगों का जन जीवन भी अस्त व्यस्त हो गया है। राज्य ने गंभीर स्थिति से निपटने और बढ़ते पानी से प्रभावित हजारों लोगों को राहत प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानि एनडीआरएफ की टीमों और हवाई सहायता सहित पर्याप्त संसाधन जुटाए हैं।
गुरुवार की सुबह ग्वालियर के मुरार में रमुआ बांध के ओवरफ्लो होने के कारण बैसली नदी में उफान आ गया। इससे करीब 50 गांव और आसपास के इलाके जलमग्न हो गए। बाढ़ के पानी के कारण सड़कों और पुलियों सहित प्रमुख बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। मामला इतना खराब हो गया कि कुछ सड़कें ढह गई हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ तैनात
अधिकारियों ने बचाव प्रयासों में सहायता के लिए एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस टीमों को तैनात किया है। टीमें डबरा और ग्वालियर सहित प्रभावित क्षेत्रों से निवासियों को निकालने के लिए काम कर रही हैं। 18 घंटे तक बिजली गुल रहने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इस बीच ग्वालियर के आरोन-पटई गांव के 11 वर्षीय बच्चे का शव एनडीआरएफ और पुलिस ने बरामद किया है। बच्चा बुधवार को उफनते नाले में बह गया था। गुरुवार को उसका शव बरामद हुआ। बच्चा दोस्तों के साथ बाढ़ के पानी को देखते हुए नाले में गिर गया था।
मौसम विभाग का अलर्ट, स्कूलों में छुट्टी
मौसम विभाग ने सितंबर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के चलते ग्वालियर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कलेक्टर ने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों की छुट्टियां बढ़ा दी हैं। अधिकारी लोगों से बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाने से बचने और जरूरत पड़ने पर खाली करने का आग्रह कर रहे हैं, ताकि आगे कोई हादसा न हो। स्थिति गंभीर बनी हुई है और आपातकालीन सेवाएं लगातार मदद पहुंचा रही हैं। प्रशासन की टीमें बदलती परिस्थितियों पर नजर रख रही हैं।
उफान पर नदियां
सिंध, पार्वती और नॉन जैसी नदियां उफान पर हैं। इससे बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। बढ़ते जलस्तर के कारण डबरा-भितरवार, भितरवार-ग्वालियर और डबरा-पिछोर के बीच संपर्क टूट गया है। डबरा में सिंध ब्रिज से करीब 10 फीट नीचे पानी बह रहा है। इससे कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। नंदू का डेरा क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। बालाजी मंदिर के आसपास के इलाके में करीब 8 फीट पानी भर गया है। कई निवासी अपने घरों में फंस गए हैं, खासकर ऊपरी मंजिलों में रहने वाले लोग।