Indore News: बिना पीएम ही एक बच्चे को दफनाया… आश्रम में बच्चों की मौत मामले में खुलासा, हैजा के बाद भी नहीं कराया इलाज

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29-30 जून और 2 जुलाई की दरम्यानी रात के बीच इंदौर के एक आश्रम में पांच नहीं बल्कि छह बच्चों की मौत हुई। प्रबंधन ने कथित तौर पर पहली मौत की जानकारी प्रशासन से छिपाई। पोस्टमार्टम के बिना ही 11 वर्षीय अंकित गर्ग को दफना दिया गया। इसकी सूचना प्रशासन को नहीं दी गई है। बुधवार की रात कलेक्टर को सौंपी गई अंतरिम जांच रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है। इसमें आश्रम प्रबंधन को ‘बच्चे की मौत समेत तथ्यों को छिपाने’, इलाज में लापरवाही और रेकॉर्ड रखने में अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। गुरुवार को आश्रम संचालक पर एफआईआर की संभावना है।

हैजा फैलने की आशंका

अंतरिम रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शुरुआती जांच में हैजा होने का संकेत मिला है। 48 बच्चे अभी भी अस्पताल में हैं, जिनमें से आधा दर्जन आईसीयू में हैं। बुधवार को हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को श्री युगपुरुष धाम बौद्धिक विकास केंद्र (मानसिक रूप से विकलांग बच्चों के लिए एक विशेष स्कूल) में कुछ दस्तावेज मिले, जिनसे पता चला कि अंकित की मौत 30 जून को हुई थी। आश्रम की संचालिका डॉ. अनीता शर्मा की एक तस्वीर है, जिसमें वह बच्चे के शव के पास हाथ जोड़कर बैठी हैं। फ्रेम में चार अन्य लोग भी हैं, एक फुटनोट में उन्हें अंकित के पिता, मनोज गर्ग, चाचा और दादा बताया गया है।

30 जून लिखी है तारीख

उस नोट में तारीख 30 जून और समय 12.30 बजे लिखा है (माना जाता है कि मौत दर्ज होने से एक दिन पहले), और कहा गया है कि शव को पंचकुइया मुक्तिधाम में दफनाया गया। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने मुक्तिधाम जाकर पाया कि अंकित की मौत आधिकारिक तौर पर 1 जुलाई को 1.30 बजे दर्ज की गई थी और उसे उसी दिन वहीं दफनाया गया था।

ये लोग कर रहे हैं मामले की जांच

वहीं, मामले की जांच के लिए कमिटी बनाई गई है। इसमें एडीएम गौरव बेनल, डब्ल्यूसीडी की संयुक्त निदेशक डॉ. संध्या व्यास, चाचा नेहरू अस्पताल की अधीक्षक डॉ. प्रीति मालपानी और वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रीलेखा जोशी शामिल थीं। बुधवार को जब टाइम्स ऑफ इंडिया ने उन्हें अंकित की मौत की तस्वीर और दस्तावेज दिखाए तो वे हैरान रह गए।

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