इस सीजन धमाकेदार शुरुआत करने के बाद पटरी से उतरी राजस्थान रॉयल्स ने लीग स्टेज में अपने आखिरी चार मुकाबले गंवाए थे। उधर, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने नाउम्मीदी की स्थिति से बाहर निकलते हुए लगातार छह मैच जीतकर प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई किया था। इन दोनों टीमों के बीच हुए एलिमिनेटर मुकाबले में रॉयल्स ने विनिंग ट्रैक पर लौटते हुए चैलेंजर्स को चार विकेट से शिकस्त दी। इस तरह चैलेंजर्स का आईपीएल खिताब जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया। इस तरह से महान विराट कोहली का ट्रॉफी जीतने का सपना एक बार फिर अधूरा रह गया।
देखा जाए तो यह सीजन विराट कोहली के लिए निजी तौर पर शानदार रहा। उन्होंने 15 मैचों में 61.75 की औसत से 741 रन बनाए, जबकि उनका स्ट्राइक रेट 154.69 रहा। इस दौरान एक शतक और 5 अर्धशतक उनके नाम हुए। हालांकि, टीम के ट्रॉफी के दौड़ से बाहर होने में उनका कोई दोष नहीं है। टीम में कई ऐसे खिलाड़ी थे, जो अपने दम पर मैच और टूर्नामेंट का रुख पलट सकते थे, लेकिन वे बुरी तरह फेल हुए।
मुंबई इंडियंस ने 17.5 करोड़ रुपये में कैमरून ग्रीन को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को ट्रांसफर किया। ग्रीन ने मुंबई के लिए कई मैचों में जीत में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन यह सीजन उनके लिए कुछ खास नहीं रहा। 13 मैचों में 255 रन बनाए, जबकि 10 विकेट झटके। प्राइस और उनकी क्षमता देखते हुए उनसे इससे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी।
ग्लेन मैक्सवेल टीम में सबसे अधिक सैलरी पाने वाले प्लेयर्स में शामिल हैं। उन्हें लेकर पार्थिव पटेल ने एक ट्वीट किया था कि वह आईपीएल इतिहास के सफेद हाथी हैं। मैक्सी को ओवररेटेड खिलाड़ी कहने पर पार्थिव की आलोचना भी हुई, लेकिन यह सही साबित हुआ। मैक्सी ने 10 मैच में 6 विकेट लिए और सिर्फ 52 रन बनाए, जबकि 4 बार शून्य पर आउट हुए।
पिछले सीजन में रिंकू सिंह के गुस्से का शिकार बने यश दयाल पर इस बार आरसीबी ने विश्वास जताया था। यश दयाल ने कुछ मैचों में अच्छा प्रदर्शन भी किया, जिसमें चेन्नई शामिल है, लेकिन वह उस लेवल पर स्ट्राइक नहीं कर सके, जिसकी एक तेज गेंदबाज से अपेक्षा की जाती है। उन्होंने 14 मैचों में सिर्फ 15 विकेट झटके।
सिराज भारतीय टीम का अहम हिस्सा हैं और टी-20 विश्व कप 2024 में भी खेलते नजर आएंगे, लेकिन उनके लिए यह सीजन बुरा सपना रहा। उन्होंने 14 मैच खेले और सिर्फ 15 विकेट झटके, जबकि 54 ओवरों में उन्हें 496 रन पड़े।