जबलपुर। नरसिंहपुर जिला अंतर्गत तेंदूखेड़ा तहसील के किसानों को 45 दिन के भीतर मुआवजा वितरण कर दिया जाए। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस दिशा-निर्देश के साथ याचिका का निराकरण कर दिया।
न्यायमूर्ति सुजय पॉल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता नरसिंहपुर जिला अंतर्गत तेंदूखेड़ा तहसील निवासी कृषक युवराज सिंह पटेल सहित अन्य की ओर से अधिवक्ता अनिरुद्ध पांडे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं की कृषि भूमि मौजा भौरपानी , राजस्व निरीक्षक मंडल डोभी, तहसील तेंदूखेड़ा, जिला नरसिंहपुर में स्थित है। इनकी कृषि भूमि से शासकीय सड़क निकाल दी गई। इस वजह से वे मूल कार्य से वंचित हो गए। किसानी न होने से बेरोजगार हो गए हैं। आजीविका संचालन का संकट पैदा हो गया है। कायदे से कृषि भूमि का अधिग्रहण कर मुआवजा वितरण होना चाहिए। लेकिन इस दिशा में ठोस कार्रवाई नदारद है। एक तरह से मनमानी करके कृषि भूमि को सड़क में तब्दील कर दिया गया है।
2008 से मुआवजा की लड़ाई लड़ रहे: दलील दी गई कि भू-अर्जन के सिलसिले में कलेक्टर नरसिंहपुर से पूर्व में शिकायत की गई थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। 2008 से मुआवजा की लड़ाई जारी है। सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत की जा चुकी है। किसान अपना हक न मिलने से परेशान हैं। जिस जमीन पर खेती करके अनाज पैदा करते थे, लोग उससे गुजर जाते हैं। खेत बचे नहीं और वैकल्पिक उपाय कोई नहीं। ऐसे में शासन का दायित्व है कि उनकी मदद करें। लेकिन ऐसा करना तो दूर मुआवजा तक नहीं दिया जा रहा है। इससे किसानों की हालत खराब हो गई है। वे कर्ज लेकर किसी तरह गृहस्थी चला रहे हैं।