जबलपुर। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे, नयागांव, जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव व अधिवक्ता दीपांशु साहू ने पर्यावरण मंत्रालय व प्रदूषण नियंत्रण मंडल को लीगल नोटिस भेजा है। इसके जरिये यूज्ड ऑयल के उपयोग से भूमिगत जल प्रदूषित होने के बिंदु को गंभीरता से लिए जाने पर बल दिया गया है। साथ ही हाई कोर्ट के पूर्व आदेश के पालन में मैकेनिक जोन से इतर संचालित मैकेनिक शॉप पर कार्रवाई की मांग की गई है।
जले तेल के अवैध कारोबार को चुनौती : इससे पूर्व इस सिलसिले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है। इसके जरिये यूज्ड ऑयल (जला तेल) के अवैध कारोबार को चुनौती दी गई है। मुख्य मांग यही है कि पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने वाले इस अवैध कारोबार पर ठोस अंकुश सुनिश्चित किया जाए। साथ ही दोषियों को रेखांकित कर उनसे क्षतिपूर्ति राशि वसूली जाए।
बिना री-साइकल किए बाजार में बेचा जा रहा तेल: अधिवक्ता प्रभात यादव के अनुसार लंबे समय से यूज्ड ऑयल का कारोबार फल-फूल रहा है। बावजूद इसके कि इसकी वजह से पर्यावरण को भयंकर क्षति हो रही है। चार अप्रैल, 2016 को केंद्र शासन ने खतरनाक अपशिष्ट नियमों का नोटिफिकेशन किया है। जिसमें साफ यूज्ड ऑयल को भी शामिल किया गया है। निर्धारित प्रविधान के मुताबिक यूज्ड ऑयल का कारोबार करने के लिए आधिकारिक अनुमति अति आवश्यक है। इसके बावजूद आलम यह है कि धड़ल्ले से जला तेल बिना री-साइकल किए बाजार में बेचा जा रहा है। इसके लिए किसी तरह की अनुमति हासिल करने की कोई परवाह नहीं की जा रही है। यह एक तरह की मनमानी है।
प्रतिमाह 3 हजार किलो लीटर का कारोबार : जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, सतना, डिंडोरी, शहडोल, अनूपपुर, उमरिया, सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, रीवा, सिंगरौली, सीधी में प्रतिमाह 3 हजार किलो लीटर से अधिक यूज्ड ऑयल का अवैध कारोबार होने का तथ्य रेखांकित हुआ है। अकेले जबलपुर में प्रतिमाह 500 ड्रम यूज्ड ऑयल गैर कानूनी रूप से बेचा और खरीदा जाता है। शहर में जगह-जगह स्थापित ऑटोमोबाइल सर्विस सेंटर व मैकेनिक शॉप में इसका उपयोग होता है। इससे पर्यावरण को क्षति हो रही है।