जबलपुर, । प्रदेश में बिजली के डेढ़ करोड़ के आसपास उपभोक्ता फिर भी दाम बढ़ाने के खिलाफ विरोध करने वाले मुठ्ठीभर लोग। कंपनी, संस्था और कुछ चुनिंदा लोग जिन्हें बिजली के दाम बढ़ने की चिंता है। 8 मार्च को मप्र विद्युत नियामक आयोग में दाम बढ़ाने के खिलाफ आपत्ति दर्ज करवाने का अंतिम दिन है ऐसे में हर साल की तरह इस बार भी एक सैकड़ा आपत्ति भी नहीं आयोग तक पहुंची है। जो नेता सड़कों पर हंगामा करके बिजली के दाम को लेकर विरोध करते हैं उन्होंने भी जनता के दर्द को लेकर कोई रूचि आपत्ति दर्ज करवाने में नहीं ली।
आठ मार्च तक है अपत्ति का मौका: मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बिजली टैरिफ याचिका को लेकर अपत्ति मंगाई है। 8 मार्च तक आयोग ने अपत्ति देने का वक्त दिया है। कोई भी व्यक्ति बिजली से जुड़ी अपत्ति मप्र विद्युत नियामक आयोग को भेज सकता है। ई—मेल के जरिए भी आपत्ति दर्ज हो सकती है। मप्र विद्युत नियामक आयोग 9 और 10 मार्च को 11 बजे से जनसुनवाई करेगा।
अपत्ति पर नहीं अमल: बिजली कंपनी के टैरिफ पर हर साल अपत्ति दर्ज करवाते हैं। फिजूल खर्च की वजह से बिजली कंपनी को घाटा होता जा रहा है। जिसका खामियाजा आम जनता को महंगी बिजली खरीदनी पड़ती है।
डीआर जैसवानी, आपत्तिकर्ता महाकोशल उद्योग संघ
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बिना नियामक आयोग की मंजूरी के कंपनी ने जरूरत से कही ज्यादा एग्रीमेंट पॉवर प्लांट से कर रखे हैं। इस वजह से करोड़ों रूपए हर माह बिना एक यूनिट बिजली लिए ही प्लांट को देना पड़ रहा है। टैरिफ पिटीशन के खिलाफ अपत्ति लगाने के प्रति भी लोगों को जागरूक होना पड़ेगा।
राजेंद्र अग्रवाल, आपत्तिकर्ता
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12 साल से ऐसे बढ़े बिजली के दाम
साल घरेलू कृषि इंडस्ट्री
2007-08 3.29 2.24 4.06
2008-09 3.32 2.56 4.07
2009-10 3.38 2.51 4.59
2010-11 3.92 3.14 5.10
2011-12 4.07 3.28 5.47
2012-13 4.66 3.57 5.81
2013-14 4.35 3.61 5.76
2014-15 4.68 3.72 5.85
2015-16 5.04 3.99 6.69
2016-17 5.34 4.53 7.30
2017-18 5.85 5.16 7.97
2018-19 5.95 5.02 7.45
2019-20 6.43 5.46 8.54
2020-21 6.55 5.57 8.71