LIVE: क्या कम होगी तकरार? किसानों की मांग- हरियाणा में दर्ज मुकदमे वापस ले सरकार

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किसानों और सरकार में चर्चा जारी

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों ने बैठक में कहा कि किसान मीडिया में कहते हैं कि सरकार जिद पर अड़ी है, लेकिन हमने किसानों की बातें मान ली हैं. किसान एक भी कदम आगे नहीं बढ़े हैं. दूसरी ओर बैठक में पीयूष गोयल ने किसानों ने FCI से जुड़ी जानकारी दी. हालांकि, किसान लगातार बैठक में कानूनों को रद्द करने के मसले पर अड़े हुए हैं.

किसानों की ओर से सरकार के सामने पंजाब में हो रही छापेमारी, हरियाणा में किसानों पर लिए गए एक्शन के मसले को उठाया गया और सभी मुकदमे वापस लेने की मांग की गई. अभी बैठक में लंच हो गया है. 

किसानों के मुद्दे पर क्या बोले रामदास अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने बयान दिया है कि देश के किसान नेता किसानों को तकलीफ दे रहे हैं, इस ठंड में उन्हें बर्बाद करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी दोगुनी करना सरकार का मकसद है और ये कानून उसी से जुड़ा है. सरकार किसान बिल में संशोधन करने को तैयार है और इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी निर्णय आएगा केंद्र सरकार उसे मानेगी और किसानों को भी उनका निर्णय मानना चाहिए. 

किसानों ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव

सरकार के साथ बैठक में किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को फिर से नकार दिया है. किसान संगठनों की मांग है कि तीनों कानून वापस लिए जाएं.

दूसरी ओर सिख फॉर जस्टिस संगठन की ओर से चीफ जस्टिस बोबड़े को चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें उन्होंने अपील की है कि किसानों को 26 जनवरी को केसरी ट्रैक्टर रैली निकालने से ना रोका जाए.

…तो नहीं निकालेंगे ट्रैक्टर रैलीकिसान संगठनों और सरकार के बीच नौवें दौर की बातचीत शुरू हो गई है, ये चर्चा विज्ञान भवन में हो रही है. किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट कहेगा तो किसान अपनी रिपब्लिक डे वाली ट्रैक्टर परेड को वापस ले लेंगे. आपको बता दें कि किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है, जो लालकिले तक होगी.विज्ञान भवन पहुंचे किसान नेता

कृषि कानून के मसले पर किसान संगठनों और सरकार के बीच अब से कुछ देर में बातचीत शुरू होगी. किसान नेता विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं. यहां किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को इन तीन कानूनों को वापस लेना होगा और एमएसपी पर लिखित गारंटी देनी होगी. दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से कषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने एक बार फिर उम्मीद जताई गई है कि आज की बातचीत के जरिए समाधान निकलेगा. 

किसान संगठनों के ग्रुप में शामिल किसान नेता अभिमन्यु का कहना है कि जब तक तीनों कानून रद्द नहीं होते हैं और एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनता है, तबतक हमारा आंदोलन जारी रहेगा. जहां तक सुप्रीम की कमेटी का मामला है, उसमें तो वही लोग सदस्य बनाए गए हैं जो इन कानूनों के समर्थन करते रहे हैं.

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