बजट से पहले शिवराज सरकार ने वर्ष 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण (इकोनॉमिक सर्वे) विधानसभा में जारी कर दिया। आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि मध्यप्रदेश में दूध की तुलना में अंडे और मांस का प्रोडक्शन बढ़ा है। आंकड़े बता रहे हैं कि पिछले साल के मुकाबले दूध का उत्पादन जहां 5% बढ़ा है, वहीं अंडे का 11% और मांस का 9% बढ़ा है। प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 15 हजार से ज्यादा बढ़ी है। वहीं प्रदेश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में 16.43% की बढ़ोतरी हुई है।
आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार शिवराज सरकार के चौथे कार्यकाल के दो साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो मध्यप्रदेश में 2019-20 में दूध का उत्पादन 171.09 लाख टन था, जो 2020-21 में बढ़कर 179.99 लाख टन हो गया। इसी तरह अंडे का उत्पादन 2020 में 23,794 लाख था। जो 2021 में 26,516 लाख हो गया। पिछले 7 सालों में यह सबसे बड़ी छलांग है। इन सात सालों में औसत वृद्धि 14% बताई गई है। मांस का उत्पादन 2021 में 116.34 लाख टन रहा। जबकि 2020 में यह 106.5 लाख टन था। इसमें सात साल में औसत 12% वृद्धि हुई है।
विपक्ष ने बोला- सरकार दूध की बजाय मांस-मदिरा पर ध्यान देती है
कांग्रेस विधायक संजय यादव ने कहा कि मप्र सरकार दूध की बजाय मांस-मदिरा पर ज्यादा ध्यान देती है। दूध के उत्पादन से लाखों किसान व उनका परिवार पलता है, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि प्रदेश में दूध महंगा मिलता है। इसकी वजह यह है कि चारा महंगा है। यदि सरकार इस तरफ ध्यान दे तो दूध का उत्पादन बढ़ेगा।
बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने कहा है कि शिवराज सरकार गरीब हितैषी है। अंडे का उत्पादन इसलिए बढ़ा है क्योंकि गरीब तबके के लोगों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत रोजगार शुरू किए हैं। गरीब वही काम करेगा, जो उसे आर्थिक दृष्टि से फायदेमंद लगता है।
एक साल में 60% घटीं प्राइवेट सेक्टर की नौकरियां
मध्यप्रदेश में प्राइवेट सेक्टर में नौकरियों में भारी कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 49,759 लोगों को नौकरी मिली। जबकि 2021 में यह आंकड़ा 83,119 था। एक साल में प्राइवेट जॉब करीब 60% घट गए।