MP Budget 2021 Gwalior: कोरोना के भीषण संकट काल के बाद आए मध्यप्रदेश सरकार के बजट 2021-22 से हर खास व आम आदमी को खासी उम्मीदें थीं।पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों से लोगों में आक्रोश है। उम्मीद की जा रही थी कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग पर राहत के छींटे मारे जाएंगे। ऐसा न होने के कारण आम आदमी को बजट ने निराश जरूर किया है।
-पेट्रोल-डीजल का नहीं घटा ‘वेट” हर आम और खास बोला महंगाई का बोझ बरकरार
-व्यापारियों पर लगने वाले प्रोफेशनल टैक्स भी बरकरार, स्टांप ड्यूटी में भी नहीं लाई गई कमी
MP Budget 2021 Gwalior: ग्वालियर | कोरोना के भीषण संकट काल के बाद आए मध्यप्रदेश सरकार के बजट 2021-22 से हर खास व आम आदमी को खासी उम्मीदें थीं। उम्मीद की कसौटी पर वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा 2 मार्च को पेश किया गया बजट खासा नपा-तुला बताया जा रहा है। बजट में न कोई नया कर जोड़ा गया है और न हीं किसी कर में कटौती की गई है। ऐसे में व्यापारी संगठनों ने इस बजट को न खुशी न गम देने वाला करार दिया है। हालांकि पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों से लोगों में आक्रोश है। उम्मीद की जा रही थी कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगी आग पर राहत के छींटे मारे जाएंगे। ऐसा न होने के कारण आम आदमी को बजट ने निराश जरूर किया है। पेट्रोल-डीजल पर पड़ोसी राज्यों से अधिक वेट वसूला जाता है, जिसे घटाया नहीं गया है। ऐसे में लोगों के ऊपर महंगाई का बोझ बरकरार रहेगा। पेट्रोल पंप संचालक अमित सेठी ने बताया कि मध्यप्रदेश में पेट्रोल पर 37 फीसदी व डीजल पर करीब 27 फीसदी वेट वसूला जाता है। वहीं व्यापारियों पर लगने वाले प्रोफेशनल टैक्स को भी नहीं हटाया गया है, मांग के बावजूद स्टांप ड्यूटी में भी कोई कमी नहीं लाई गई है। लिक्विड पेट्रोलिम गैस (एलपीजी) के बढ़ते दामों से भी आम आदमी परेशान है। जिसे लेकर भी बजट में कोई प्रविधान नहीं रखा गया है।