प्रदेश में हर जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज को आदर्श बनाया जाना चाहिए। इन अस्पतालों में वह सभी सुविधाएं मिलनी चाहिए जो किसी निजी अस्पताल में मिलती हैं। सभी मशीनें चालू हालत में होनी चाहिए। यह आरोप लगता है कि निजी अस्पताल को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी अस्पतालों की मशीनें बंद कर दी जाती हैं। कई बार यह सही भी होता है। मशीनें होती हैं तो चलाने वाले नहीं होते। यह ठीक नहीं है। यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लिंक रोड नंबर तीन स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यालय का शुभारंभ करते हुए अधिकारियों से कही।
उन्होंने साफ कहा कि देश में सबसे ज्यादा शिशु मृत्यु दर (48 प्रति हजार जीवित जन्म पर एक साल के भीतर) मप्र में है। इसे राष्ट्रीय स्तर से कम लाना है। मातृ मृत्यु दर भी कम करना है। यह सिर्फ बात करने से नहीं होगा, बल्कि काम करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि टीकाकरण भी प्रदेश में 80 से 85 फीसदी ही रहता है इसे शत प्रतिशत करने की जरूरत है। बीमारियों को खत्म करना है तो टीकाकरण जरूरी है। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
पीपीपी मोड पर सुविधाएं बढ़ाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों डायलिसिस यूनिट को और बेहतर करने की जरूरत है। आवश्यक हो तो पीपीपी मोड पर सुविधाएं बढ़ाई जाएं। किडनी की बीमारी बहुत बढ़ रही है। ऐसे में डायलिसिस की समस्या नहीं आनी चाहिए। दूसरी बात यह कि दवाओं की कमी अस्पतालों में नहीं हों, इसका पूरा ध्यान रखा जाए। कई बार सुनने में आता है कि दवाएं बहुत कम हैं।