हॉकी ओलंपियन नीलकंठ शर्मा ने मध्य प्रदेश खेल विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने विभाग पर 2020 टोक्यो ओलंपिक में टीम की कांस्य पदक जीत में उनके योगदान के लिए 1 करोड़ रुपये देने के वादे से मुकरने का आरोप लगाया है। शर्मा ने एमपी सरकार को पत्र लिखकर अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने में विफलता पर निराशा व्यक्त की थी।
दो खिलाड़ियों के लिए हुई थी घोषणा
खेल विभाग ने मप्र हॉकी अकादमी के दो खिलाड़ियों विवेक सागर और नीलकंठ के लिए एक-एक करोड़ रुपये के नकद इनाम की घोषणा की थी। टीओआई के पास 6 अप्रैल, 2022 के सरकारी आदेश की एक प्रति है, जिसमें कहा गया है कि नीलकंठ को 1 करोड़ रुपये का इनाम मिलना चाहिए। हालांकि उन्हें पैसे नहीं दिए गए, जबकि विवेक सागर को 1 करोड़ रुपये मिले और उन्हें डीएसपी बना दिया गया।
‘खेल विभाग को भेजा कानूनी नोटिस’
नीलकंठ के वकील ओकेंद्रो सिंह ने हमारे सहयोगी समाचार पत्र टीओआई को बताया कि उनके मुवक्किल ने इस पर खेल विभाग को कानूनी नोटिस भेजा है। सिंह ने आरोप लगाया कि शर्मा और उनके प्रतिनिधियों द्वारा सरकार के साथ संवाद करने के बार-बार प्रयास के बावजूद, उनकी दलीलें नहीं सुनी गईं, इसलिए उन्हें ‘अन्याय’ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी पड़ी।
‘अन्य ओलंपियन होंगे निराश’
टोक्यो ओलंपिक में जगह बनाने से पहले नीलकंठ ने अजलान शाह कप सहित कई प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में देश का प्रतिनिधित्व किया। उनके वकील सिंह ने कहा, ‘उन्हें वादा किया गया। इनाम देने में देरी न केवल उनकी उपलब्धियों को कमजोर करती है, बल्कि राज्य के अन्य महत्वाकांक्षी एथलीटों को भी हतोत्साहित करने वाला संदेश देती है।’ उन्होंने कहा कि एमपी खेल विभाग के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि नीलकंठ को वह मान्यता और पुरस्कार मिले जिसके वे हकदार हैं।