भोपाल। विधानसभा में शुक्रवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में मार्च 2020 में पार्टी बदलने वाले नेता भी आए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आपने (कमल नाथ) कहा 2018 में जनता ने कचरे को साफ किया, पर जो साथी आपको छोड़कर आए, उन्होंने अपना करियर दांव पर लगाया था और जब चुनाव मैदान में उतरे तो रिकॉर्ड जीत दर्ज कराई। इस पर विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने टोकते हुए कहा कि ये मशीन का खेल है। वहीं नाथ ने कहा कि सरकार चलाने की मजबूरी में ऐसा बोलना पड़ रहा है, पर सावधान रहिए, इन्होंने तो पहले दिन से खेल शुरू कर दिया था।
चौहान ने कहा कि आपने इन हीरों की पहचान नहीं की। नाथ ने कहा- आपने आठ माह में पहचान लिया। हम तो 30 साल से पहचान रहे हैं। विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर ने नरोत्तम मिश्रा की ओर इशारा करते हुए कहा कि नीलम तो आपके बगल में है। जरा संभालकर रहिए। यह बहुत जल्दी असर करता है। फायदा भी करता है और झटके में नुकसान भी। चौहान ने कहा कि ये हीरा भी बड़ा अनमोल है। ये हीरा मेरे साथ वर्ष 1990 से है। आप गलतफहमी में मत रहिए, यह गलतफहमी में डालने में माहिर है। नाथ ने कहा चलिए हमें खुशी है आपने सर्टिफिकेट तो दिया। पीसी शर्मा ने कहा कि हीरों का कोई भरोसा नहीं है। चौहान ने कहा कि यह हीरा भी है और हीरो भी। दिखने में भी, हीरो से कोई कम है क्या?
अध्यक्ष को देनी पड़ी व्यवस्था
मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान ज्यादा टोका-टाकी होने से अध्यक्ष गिरीश गौतम को व्यवस्था देनी पड़ी कि नेता प्रतिपक्ष बोल सकते हैं, दूसरे सदस्य नहीं बोलेंगे।
ऐसे दी चेतावनी
कांग्रेस ने अभिभाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम के उल्लेख पर कटाक्ष किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी नाम ही ऐसा है कि बार-बार लेने को जी करता है। इस दौरान पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कुछ कहा, तो मुख्यमंत्री ने कहा इंदौर में घुस गया, तो दिक्कत हो जाएगी। जैसे हनुमानजी संजीवनी बूटी लेकर आए थे, वैसे मोदी ने देश को संजीवनी दी है।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर बोला हमला
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि 15 साल के बाद सरकार आई थी। उम्मीद थी प्रदेश के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। चर्चा में कई कटाक्ष किए गए, पर सरकार वादे पूरे नहीं करने के कारण गिरी। कमल नाथ ने कहा क्या वचन पत्र 15 महीने का था। मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि कर्जमाफी न होने पर 11 दिन में मुख्यमंत्री बदलने को कहा था। इस पर सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया। नाथ ने कहा कि हमारे नेता ने कहा था तो उसका पालन भी हुआ है। आपने खुद सदन में 26 लाख कुछ हजार किसानों का कर्ज माफ होने के आंकड़े पेश किए हैं। डीजल-पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि पर मुख्यमंत्री ने कहा कि टैक्स (कर) आपने बढ़ाया था। हमने वर्ष 2017 में डीजल पर वेट 27 से घटाकर 22 फीसद और पेट्रोल पर 31 से घटाकर 28 फीसद किया था। अक्टूबर 2018 में डीजल पर वेट फिर 22 से घटाकर 18 फीसद कर दिया और पेट्रोल पर अतिरिक्त वेट की दर चार फीसद घटा दी, पर आपकी सरकार ने सितंबर 2019 में डीजल पर वेट 18 से बढ़ाकर 23 फीसद कर दिया और पेट्रोल पर 28 से बढ़ाकर 33 फीसद।
आपने तो संग ही ऐसा बना लिया कि 2020 में भी बंटाढार
मुख्यमंत्री ने सदन में कांग्रेस की सत्ता से बाहर जाने की कहानी बयां की। उन्होंने कहा कि पांच साल विरोध की राजनीति करने की इच्छा थी, पर आपकी सरकार ने भाजपा कार्यकर्ताओं को कुचलना शुरू कर दिया। अधिकारी स्तर पर उच्च पदों की बोली लगने लगीं। नाथ ने कहा कि चलते-फिरते आरोप लगाना शोभा नहीं देता। चौहान ने कहा कि गलतियां कहां हुईं, उधर मंत्री रहते हुए भी कहते थे। आपने तो संग ही ऐसा बना लिया कि वर्ष 2003 में भी बंटाढार और वर्ष 2020 में भी। समझे ही नहीं, सुधरे ही नहीं। उन्होंने कहा कि शुरूआत किसने की। यह प्रचारित हुआ कि मुख्यमंत्री मैनेजमेंट गुरु हैं। वह विधायक ले गए। मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि मैं नेता प्रतिपक्ष था। कोई डिवीजन नहीं मांगा था। आपने खुद को मैनेजमेंट गुरु बताने के लिए दो साथियों को प्रभावित करने की कोशिश की। तब यह बात आई कि खेल आपने शुरू किया है, खत्म हम करेंगे।