National Girl Child Day : राष्ट्रीय बालिका दिवस पर मानुषी छिल्लर ने किया ‘प्रोजेक्ट शक्ति’ के रोडमैप का खुलासा

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National Girl Child Day : मानुषी छिल्लर भारत में लड़कियों और महिलाओं के मेंस्ट्रुअल हाईजीन की एक प्रबल पैरोकार हैं। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर ‘पृथ्वीराज’ फिल्म की इस अभिनेत्री ने अपने सामाजिक संगठन ‘प्रोजेक्ट शक्ति’ से जुड़े पूरे रोडमैप का खुलासा किया है। यह संगठन पिछले तीन वर्षों से इस अभियान को आगे बढ़ाने का अथक प्रयास कर रहा है। इस गॉर्जस डेब्युटांट का कहना है- “मेंस्ट्रुअल हाईजीन अब भी हमारे देश में चिंता का एक सबसे नाजुक सबब बना हुआ है। मुझे यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि ‘प्रोजेक्ट शक्ति’ पूरे देश में अपनी पहुंच बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रहा है और इसके प्लान में सुंदरबन भी शामिल हो चुका है। पूर्व और उत्तर-पूर्व में पहुंच बनाने का हमारा प्रयास पहले से ही जारी है। वह आगे बताती हैं, “अब हम देश भर में लड़कियों और महिलाओं को पीरियड और मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता के बारे में शिक्षित कर रहे हैं और जागरूकता पैदा कर रहे हैं। मेरे लिए खुशी की इससे ज्यादा कोई और बात नहीं हो सकती! हाल ही में हमने सुंदरबन के इलाके में एक जागरूकता अभियान चलाया और वहां सैनिटरी पैड भी बांटे हैं।“मानुषी अपने संगठन द्वारा देश भर में चलाए जा रहे जागरूकता अभियानों की जानकारी देते हुए वादा कर रही हैं कि वर्ष 2021 में उनका बेहद अहम फिल्म डेब्यू होने के बावजूद वह सुनिश्चित करेंगी कि इस मुद्दे को लेकर कोशिशें ते़ज करने के लिए समय निकाला जाए। यह 23 वर्षीय हीरोइन बताती है, “हम पूरे देश की महिलाओं के साथ ये जागरूकता अभियान उन्हें यह बताने के लिए चला रहे हैं कि साफ-सफाई क्यों जरूरी है। हम उत्पादन इकाइयों में काम करने का प्रशिक्षण देने वाली जगहों पर महिलाओं को अपने 100 प्रतिशत गल जाने वाले सैनिटरी पैड वितरित करते हैं। हमारे अभियान के बाद लगभग 5000 लड़कियों और महिलाओं को मुफ्त में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए जा चुके हैं।“मानुषी के मुताबिक इस महत्वपूर्ण, आवश्यक और नेक कार्य के लिए वह अपना जीवन समर्पित कर चुकी हैं। वह कहती हैं, “इस महत्वपूर्ण मुद्दे को लेकर ज्यादा से ज्यादा जागरूकता पैदा करने के लिए मैं अपना पूरा जीवन लगा दूंगी, क्योंकि यह देश की असंख्य महिलाओं को प्रभावित करता है। सैनिटेशन और एक सस्टेनेबल लाइफ स्टाइल के बारे में हमें अपनी आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित करना ही होगा।“ मानुषी का मानना है कि लड़कियों और महिलाओं को यह बताया जाना जरूरी है कि उन्हें इको-फ्रेंडली सैनिटरी पैड का इस्तेमाल क्यों शुरू करना चाहिए। वह कहती हैं, “इन महिलाओं से संपर्क करने की एक अन्य बड़ी वजह पारस्थितिक असंतुलन और पर्यावरण प्रदूषण भी है, जिसके बढ़ने के अनेक कारण हैं।हमारे इको-फ्रेंडली और पूरी तरह से गल जाने वाले सैनिटरी पैड कचरे का ढेर पैदा नहीं करते, न ही लाइलाज अपशिष्ट बनते हैं और ये पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं। हमें युवतियों को नॉलेज की शक्ति प्रदान करनी होगी, तभी वे सारी जानकारी को अपने खुद के स्वास्थ्य, अधिकारों और आत्म-निर्भरता की दिशा में इस्तेमाल कर पाएंगी और ज्यादा सस्टेनेबल जिंदगी जी सकेंगी।“

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