लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बुधवार को एनडीए की बैठक हुई। जिसके बाद अबएनडीए सरकार में किस पार्टी के पास कौन साथ मंत्रालय रहेगा साथ ही बीजेपी से भी कौन कौन मंत्री बनेंगे इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है। बीजेपी के सहयोगी दलों ने अपनी अपनी मांगें रखी है और हर कोई कम से कम एक अहम मंत्रालय चाहता है। टीडीपी 5-6 कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री की मांग कर रही है वहीं जेडीयू भी 3-4 मंत्री पद चाहता है।
जेपी नड्डा के घर चल रही मीटिंग
इसी वीकेंड शपथ समारोह होना है और इससे पहले ही इन सारी चीजों पर सहमति बनाने के लिए लगातार मीटिंग हो रही है। कुछ देर पहले ही बीजेपी के सीनियर नेताओं की मीटिंग शुरू हुई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर अमित शाह, राजनाथ सिंह, बीएल संतोष सहित पार्टी के सीनियर नेता मीटिंग कर रहे हैं। पार्टी ने नड्डा, शाह और राजनाथ सिंह को सहयोगियों से बात करने की जिम्मेदारी दी है। माना जा रहा है कि पहले बीजेपी की यह टीम मंत्रिमंडल की एक रूप रेखा तय करेगी, जिसमें होगा कि कौन सा मंत्रालय किस पार्टी के पास जा सकता है और फिर इस संभावित लिस्ट पर सभी सहयोगी दलों की सहमति लेने की कोशिश होगी।
बीजेपी को नहीं मिली बहुमत
बीजेपी ने जब 2014 में सत्ता हासिल की थी तब बीजेपी के पास बहुमत था हालांकि सहयोगी भी साथ थे। उसी तरह 2019 में भी बीजेपी को अपने दम पर प्रचंड बहुमत था और बीजेपी ने सहयोगियों के लिए भी जगह बनाई। लेकिन इस बार बीजेपी सहयोगियों के साथ से ही सरकार में आ रही है और इस बार की यह एनडीए सरकार पहले की एनडीए सरकार से एकदम अलग होगी। सहयोगी कोशिश में हैं कि वह अपनी पसंद का मंत्रालय ले लें, हालांकि माना जा रहा है कि चार सबसे अहम मंत्रालय जो सीसीएस यानी कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी का हिस्सा होते हैं, विदेश, गृह, वित्त और रक्षा मंत्रालय, इन्हें बीजेपी अपने पास ही रखेगी।