Pench National Park: सिवनी। पेंच नेशनल पार्क के छिंदवाड़ा के गुमतरा कोर एरिया के खापा नाले के पास चट्टानांे के बीच एक वयस्क बाघ का तीन दिन पुराना शव पेंच नेशनल पार्क के मैदानी अमले को गश्ती के दौरान 14 जनवरी को मिला है। बाघ की मौत का कारण फिलहाल अज्ञात है। 15 जनवरी शुक्रवार सुबह पीएम के बाद लगभग सड़ चुके बाघ के शव को जला दिया गया है। मृत बाघ के शरीर के सभी अंग सुरक्षित पाए गए है। पार्क प्रबंधन ने शिकार की संभावना से इंकार किया है। हालाकि डॉग स्क्वाड की मदद से घटना स्थल के करीब एक किमी के दायरे में कराई गई सर्चिंग के दौरान कोई संदिग्ध वस्तु या शिकार से जुड़े साक्ष्य नहीं पाए गए है।
दोपहर में गश्ती के दौरान देखा शव – अधिकारियों का कहना कि प्रयोगशाला से बिसरा जांच की रिपोर्ट मिलने पर कारण स्पष्ट हो सकेगा कि बाघ की मौत प्राकृतिक रूप से हुई है या मौत का दूसरा कोई कारण है। पेंच टाइगर रिजर्व के छिंदवाड़ा हिस्से के गुमतरा कोर एरिया में 14 जनवरी को गश्ती के दौरान वनकर्मियों को जंगल के कक्ष क्र. 1465 व 1467 की सीमा पर जप्ती खापा नाला के पास दोपहर करीब 2.30 बजे एक व्यस्क नर बाघ का शव मिला था। इसकी सूचना मैदानी अमले द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।
प्रबंधन ने भोपाल मुख्यालय, छिंदवाड़ा कलेक्टर व एसपी सहित राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अधिकारियों इसकी जानकारी दी। सूचना पर पेंच पार्क के डिप्टी डायरेक्टर एमबी सिरसैया, छिंदवाड़ा क्षेत्र की एसडीओ भारती ठाकरे, गुमतरा परिक्षेत्र अधिकारी एसएस कलवेलिया, वन्य प्राणी पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश मिश्रा, डॉग स्क्वाड दल, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के प्रतिनिधि रजत ठानेकर, राजेश भेंडारकर व वनकर्मी मौके पर पहुंचे।
एक किमी में कराई सर्चिंग – घटना स्थल के आसपास सूक्ष्मता से जांच की गई, डॉग स्क्वाड दल की मदद से 1 किमी के क्षेत्र में सर्चिंग के दौरान किसी भी तरह की संदिग्ध परिस्थितियां नहीं पाई गई। अंधेरा होने के कारण पोस्टमार्टम की कार्रवाई वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा 15 जनवरी शुक्रवार सुबह की गई। बाघ का बिसरा फारेंसिक जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। शव को राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नियमानुसार छिंदवाड़ा सीसीएफ, वन अधिकारियों व एनटीसीए प्रतिनिधियों की मौजूदगी में जला दिया गया है।