PM और VP के काफिले को रोकने का WhatsApp मैसेज? MP हाईकोर्ट ने पुलिस को दिया 3 हफ्ते का अल्टीमेटम

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जबलपुर: एमपी हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस विभाग को तीन हफ्ते का समय दिया है। यह याचिका अजीत सिंह आनंद ने दायर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि पुलिस ने उन्हें 24 घंटे से ज्यादा गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा। पुलिस का कहना है कि आनंद ने एक व्हाट्सएप संदेश भेजा था, जिससे प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के काफिले को बाधित करने की आशंका थी। कोर्ट अब यह जानना चाहता है कि याचिकाकर्ता और उस व्हाट्सएप संदेश के बीच क्या संबंध है।

गोरखपुर थाने में बंद थे आनंद

अजीत सिंह आनंद जबलपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने कोर्ट में बताया कि गोरखपुर पुलिस ने 20 जून 2022 को सुबह करीब 8 बजे उन्हें उनके घर से गिरफ्तार किया था। फिर उन्हें गोरखपुर थाने ले जाया गया और 21 जून 2022 को सुबह 9.30 बजे तक लॉकअप में बंद रखा गया। आनंद का कहना है कि जब उन्हें थाने लाया गया, तो रोजनामचे (पुलिस डायरी) में कोई एंट्री नहीं की गई थी। उन्हें दूसरे दिन छोड़ा गया, तब रोजनामचे में एंट्री की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें 24 घंटे से ज्यादा गैरकानूनी हिरासत में रखा, जो कि गलत है और अपराध की श्रेणी में आता है।

व्हाट्सएप मैसेज में क्या था?

पुलिस विभाग ने कोर्ट को बताया कि अजीत सिंह आनंद ने एक व्हाट्सएप संदेश भेजा था। इस संदेश में उन्होंने प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के काफिले को बाधित करने की बात कही थी। पुलिस ने बताया कि ऐसा करने से रोकने के लिए उन्हें थाने बुलाया गया था। पुलिस के अनुसार, आनंद अपनी मर्जी से प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के दौरे के दौरान थाने में रहे थे। पुलिस ने यह भी बताया कि आनंद के खिलाफ पहले से ही 25 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस विभाग का कहना है कि उन्होंने कानून के अनुसार ही अपना काम किया है। पुलिस का कहना है कि लोकतांत्रिक देश में प्रदर्शनकारी विरोध कर सकते हैं, लेकिन वे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के प्रोटोकॉल को बाधित नहीं कर सकते।

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