रुस-यूक्रेन युद्ध के बीच NATO नेताओं ने गुरुवार को ब्रुसेल्स में अहम बैठक की। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भी गुरुवार को बेल्जियम पहुंच और NATO की आपातकालीन बैठक में हिस्सा लिया। इस बैठक में आम सहमति से फैसला हुआ कि रूसी युद्ध से लड़ने और उनके आत्मरक्षा के अधिकार को बनाए रखने के लिए सुरक्षा सहायता के साथ यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखा जाएगा। वैसे NATO का मानना है कि यूक्रेन अब तक उसका मेंबर नहीं बना है, इसलिए फिलहाल सीधे सैन्य हस्तक्षेप नहीं करेगा। लेकिन तमाम की सहायता और अप्रत्यक्ष सैन्य सहयोग जारी रहेगा। आपके बता दें कि रूस यूक्रेन के NATO का सदस्य बनने के खिलाफ है और वो चाहता है कि अमेरिका और NATO इस बात की गारंटी दें। लेकिन दोनों ने इसे मानने से इंकार कर दिया है।
यूक्रेन के सैन्य मदद
उधर, ब्रिटेन ने यूक्रेन (Ukraine) को बड़े पैमाने पर सैन्य और आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने कहा है कि UK यूक्रेन को और 6 हजार मिसाइलें मुहैया कराएगा। इससे पहले ही ब्रिटेन 4000 लाइट एंटी-टैंक वेपन सिस्टम्स (NLAWs) और जेवलिन मिसाइल यूक्रेन को दे चुका है।जॉनसन ने कहा कि हम यूक्रेन की सेना के लिए वित्तीय सहायता के रूप 25 मिलियन पाउंड (लगभग 250 करोड़ रुपये) प्रदान कर रहे हैं, जो कि मानवीय और आर्थिक सहायता में के लिए दिए जाने वाले 400 मिलियन पाउंड (4 हजार करोड़ रुपये) के अलावा है। जॉनसन ने कहा कि रूस और यूक्रेन में फैलाई जा रही गलत जानकारियों के प्रभाव को रोकने के लिए बीबीसी वर्ल्ड सर्विस को 4.1 मिलियन डॉलर की मदद भी करेगी।
रुस का जवाब
वहीं, संयुक्त राष्ट्र में रूसी उप राजदूत दिमित्री पोलांस्की ने चेतावनी दी है कि नाटो द्वारा उकसाए जाने पर रूस परमाणु हथियारों का उपयोग करने का अधिकार बरकरार रखता है। रूस ने देश की राजधानी मॉस्को में अमेरिकी दूतावास से कई अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित कर उन्हें अस्वीकार्य व्यक्ति घोषित कर दिया किया है। इस महीने की शुरुआत में, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में रूस के मिशन से 12 राजनयिकों को यह कहते हुए निष्कासित कर दिया था कि वे जासूसी गतिविधियों में शामिल हैं।