श में साइबर क्राइम के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लोगों की छोटी सी लापरवाही का फायदा उठाकर ठग उनके खाते से लाखों रुपए चपत कर लेते हैं। ठग कभी बैंक मैनेजर तो कभी केवाईसी सत्यापन का कहकर कॉल करते हैं और बैंक डिटेल लेकर चूना लगा देते हैं। ऐसा ही एक ठगी का मामला पश्चिम बंगाल के केष्टोपुर इलाके से सामने आया है। जहां एक साहा नाभिकीय भौतिकी संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक से 2.07 लाख रुपए की धोखाधड़ी हो गई। ठग ने फोन पर खुद को बैंक अधिकारी बताया था। ऐसे में बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने लोगों को जागरूक करने का काम किया है। एसबीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट एक ट्वीट किया है। स्टेट बैंक ने कहा है कि केवाईसी सत्यापन का अनुरोध करने वाले कपटपूर्ण कॉल या संदेशों से खुद को सुरक्षित रखें।एसबीआई ने अपने ट्विटर अकाउंट एक ट्वीट किया है। स्टेट बैंक ने कहा है कि केवाईसी सत्यापन का अनुरोध करने वाले कपटपूर्ण कॉल या संदेशों से खुद को सुरक्षित रखें। जालसाज आपके व्यक्तिगत विवरण हासिल करने के लिए बैंक, कंपनी प्रतिनिधि होने का नाटक करते हुए एक फोन कॉल करता है या टेक्स्ट मैसेज भेजता है। ऐसे मामलों की रिपोर्ट करें।
पश्चिम बंगाल के केष्टोपुर इलाके में रहने वाली वैज्ञानिक शंपा बिस्वास से हाल ही में ठगी हुई। बिस्वास के पास एक कॉल आया था, जिसमें उन्हें केवाईसी अपडेट करने के लिए मोबाइल ऐप डाउनलोड करने को कहा गया था। बाद में कॉल करने करने वाले 10 रुपए भुगतान करने को कहा गया। वैज्ञानिक ने नेट बैंकिंग के जरिए भुगतान कर दिया, लेकिन ठग ने उन्हें मोबाइल बैंकिंग के जरिए पैसे ट्रांसफर करने को कहा गया। उनके ऐसा करते ही बैंक अकाउंट से 1.35 लाख रुपए कट गए। फिर कॉल करने वाले ने 10 रुपए डेबिट कार्ड से करने को कहा और करते ही खाते से 72 हजार रुपए कट गए। शंपा ने जब उनके खाते से पैसे निकाले जाने की बात कही तो कॉल करने वाले ने तकनीकी गड़बड़ी का बहाना बना दिया। ठग ने कहा कि रकम जल्द खाते में आ जाएगी।